रायपुर 06 मई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उच्चतम न्यायालय से आरक्षण को लेकर अंतरिम राहत मिलने के बाद मिशन मोड में शुरू हुई सरकारी भर्ती की प्रक्रिया को लेकर विपक्ष के नेता नारायण चंदेल एवं अन्य भाजपा नेताओं के द्वारा राज्य की आर्थिक स्थिति पर सवाल उठाने पर उन्हे आड़े हाथों लिया हैं।
श्री बघेल ने आज यहां पत्रकारों के श्री चंदेल के ताबडतोड़ शुरू हुई भर्तियों को लेकर उनके वेतन की समस्या उत्पन्न होने की आशंका जताने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था केन्द्र की तुलना में बहुत बेहतर है।उन्होने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने सबसे ज्यादा कर्ज लिया है जबकि उनकी सरकार ने गत वित्त वर्ष में कोई ऋण नही लिया।उन्होने कहा कि कोरोनाकाल में भी जबकि केन्द्र ने सांसद निधि को दो वर्ष के लिए रोक दिया सांसदों के वेतन भत्ते में कटौती की,पर छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसा कुछ नही किया।
उन्होने कहा कि गत वित्त वर्ष में जिन तीन राज्यों ने ऋऩ नही लिया उनमें ओडिशा एवं त्रिपुरा के साथ ही छत्तीसगढ़ है।उन्होने कहा कि कोरोनाकाल में छह राज्यों ने सरकारी कर्माचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत तक की कटौती की पर छत्तीसगढ़ में कोई कटौती नही हुई।उन्होने कहा कि राज्य की शानदार अर्थव्यवस्था के कारण ही तमाम अच्छी योजनाएं लागू करने में कामयाब रहे।
श्री बघेल ने भाजपा के वरिष्ठ नेता नन्द कुमार साय के कांग्रेस प्रवेश पर श्री चंदेल के द्वारा कांग्रेस के भी कई नेताओं के भाजपा के सम्पर्क में होने के बयान पर कहा कि श्री चंदेल अपने नेताओं के सम्पर्क में तो है नही।बस्तर में बैठक होती है,और उन्हे बुलाया तक नही जाता।उन्होने कहा कि भाजपा ने श्री चंदेल,पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सहित पुराने वरिष्ठ पार्टी नेताओं को नेपथ्य में ढ़केल दिया हैं।
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