योगी सरकार ने महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए डेढ़ लाख शौचालयों का इस्तेमाल किया जाएगा और 11 हजार से अधिक स्वच्छताकर्मी और वॉलंटियर्स तैनात किए जाएंगे।
महाकुंभ 2025 कई मायनों में खास होने जा रहा है। यूपी सरकार महाकुंभ के क्षेत्रफल में विस्तार के साथ ही पूरे आयोजन की पवित्रता को भी अक्षुण्ण रखने पर विशेष जोर दे रही है। इसके लिए पूरे कुंभ क्षेत्र में तकरीबन डेढ़ लाख शौचालयों को स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि 2025 का महाकुंभ पूरी तरह ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) हो। 4 हजार हैक्टेयर में स्थापित किये जाने वाले पूरे कुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटकर स्वच्छता सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए सरकार की ओर से स्वच्छताकर्मियों की लंबी-चौड़ी फौज को तैनात किया जाएगा।
11 हजार से अधिक स्वच्छताकर्मी और स्वच्छाग्रही संभालेंगे जिम्मेदारी 
महाकुंभ को लेकर योगी सरकार ने तकरीबन ढाई हजार करोड़ का बजट तय किया है। इसमें पूरे कुंभक्षेत्र को अभेद्य बनाने के साथ ही साफ-सफाई को लेकर भी तगड़े इंतजाम किये जा रहे हैं। सरकार कुंभक्षेत्र में स्वच्छता को लेकर 300 करोड़ से अधिक खर्च करेगी। इसके लिए 52 हजार से अधिकर सामुदायिक शौचालय, 53 हजार से अधिक शौचालय विभिन्न टेंटों में, पार्किंग और अप्रोच सड़कों पर 14 हजार से अधिक शौचालय और 20 हजार से अधिक पब्लिक यूरिनल (मूत्रालय) यानी कुल मिलाकर तकरीबन डेढ़ लाख शौचालयों का निर्माण योगी सरकार करेगी। इसके अलावा 25 हजार से अधिक डस्ट/वेस्ट बिन, 120 टिपर-हॉपर ट्रक, 40 कॉम्पैक्टर, 9800 स्वच्छताकर्मी और 1800 स्वच्छता वालेंटियर्स पूरे मेला क्षेत्र में साफ सफाई की व्यवस्था संभालेंगे।
एप के जरिए शौचालयों की होगी निगरानी 
सबसे खास बात ये कि सामुदायिक शौचालयों का 60 फीसदी सेप्टिक टैंक के जरिए इस्तेमाल होगा। वहीं 40 फीसदी शौचालयों को सोकपिट पर आधारित रखा जाएगा। इनके रखरखाव पर भी सरकार विशेष ध्यान देगी। शौचालयों के रुटीन मेंटेंनेंस और क्लीनिंग के साथ ही स्वच्छताकर्मी ऐप के जरिए प्रत्येक टॉयलेट के स्टेटस को विभिन्न पैरामीटर्स पर चेक करते हुए सैनिटेशन सुनिश्चित करेंगे। साथ ही कंट्रोल रूम के जरिए भी शौचालयों की स्वच्छता को लेकर निगरानी की जाएगी। प्रत्येक शौचालय के बाहर लगे क्यूआर कोड के जरिए पब्लिक भी गंदे शौचालयों से संबंधित शिकायत कर सकेंगे। योगी सरकार इसके लिए वेब बेस्ड ऐप्लीकेशन भी डेवलप करेगी। साथ ही स्वच्छाग्रहियों (स्वच्छता वॉलेंटियर्स) की टीम लगातार शौचालयों की मॉनीटरिंग करेगी। इसके अलावा मेला क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए 25 हजार डस्टवेस्ट बिन स्थापित किये जाएंगे। 20 किलोग्राम क्षमता वाले इन डस्ट/वेस्ट बिन को 25-25 मीटर के दायरे में रखा जाएगा। प्रतिदिन 3 बार इन डस्टबिन को साफ किया जाएगा।
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