नई दिल्ली 07 अप्रैल।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत नेपाल के साथ समुद्री मार्ग और रेल संपर्क बढ़ाना चाहेगा और काठमांडू के लिए नई रेललाइन बनाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत है।
श्री मोदी ने आज यहां नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नेपाल के विकास में भारत के योगदान का लम्बा इतिहास रहा है और भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत, नेपाल के साथ समुद्री मार्ग और रेल संपर्क बढ़ाना चाहेगा और काठमांडू के लिए नई रेललाइन बनाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत है।
उन्होने कहा कि नेपाल के आर्थिक विकास और समृद्धि के प्रयासों में भारत आगे भी उनके साथ पूरी तरह सहयोग करता रहेगा। इस सहयोग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण परिणाम इनलैंड वॉटरवेज़ में सहयोग का निर्णय है।हमारे सहयोग से नेपाल को समुद्र तक एक्सट्रा कनेक्टिवटी मिल जाएगी और सागरमाथा का देश सागर से सीधा जुड़ जाएगा।उन्होने कहा कि दोनों देश, कृषि क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाएंगे। श्री मोदी ने कहा कि दोनों देश इस बात पर भी सहमत हुए कि वे खुली सीमाओं का दुरूपयोग नहीं होने देंगे।
श्री ओली ने इस अवसर पर कहा कि नेपाल भारत के साथ संबंधों को बहुत महत्व देता है।उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच काफी निकट संबंध हैं और समृद्धि ही दोनों का लक्ष्य है। उन्होने कहा कि..समय के साथ हमने अपनी मित्रता को प्रगाढ़ किया है। मेरी यात्रा का उद्देश्य भारत और नेपाल और दोनों देशों के नागरिकों के बीच तालमेल को बढ़ाना और आर्थिक चुनौतियों से मिलकर निपटने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाना है..।
इससे पहले दोनों नेताओं ने रिमोट कंट्रोल से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से नेपाल स्थित समैकित सीमा चौकी बीरगंज का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। इस चौकी के बन जाने से सीमा पर औचारिकताएं पूरी करने में कम समय लगेगा और इससे आपसी व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। सीमा पार से लोगों और सामान की आवाजाही आसान हो जायेगी। भारत सरकार की सहायता से नेपाल के परसा जिले में बीरगंज में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से यह समेकित जांच चौकी बनाई गई है। बीरगंज को नेपाल का प्रवेश द्वार माना जाता है और नेपाल का 60 प्रतिशत व्यापार इसी मार्ग से होता है।