रायपुर 21 अप्रैल।छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अजय सिंह ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था में अनेक बदलाव और चुनौतियां आयी हैं।सिविल सेवा के अधिकारियों को इन चुनौतियों का सामना करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा।
डा.सिंह ने सिविल सेवा दिवस के अवसर पर आज सिविल सेवा के अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सिविल सेवा के अधिकारियों के अच्छे परफारमेंस के बदौलत छत्तीसगढ़ में खाद्य सुरक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, हेल्थ स्कीम (मितानिन), प्रधानमंत्री आवास योजना, कौशल उन्नयन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का अम्बिकापुर मॉडल आदि अनेक गुणवत्तापूर्ण कार्य हुए है, जिसके कारण देश में छत्तीसगढ़ की अलग पहचान बनी है।
पूर्व मुख्य सचिव एस.के.मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि सिविल सेवकों को बहुआयामी कार्य करने होते हैं। वैश्वीकरण, उदारीकरण और निजीकरण के दौर के बाद सिविल सेवकों के कार्य प्रणाली में व्यापक परिवर्तन आए हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के कई अनुभव बताए और कहा कि सिविल सेवकों के नैतिक व्यवहार क्या होना चाहिए। सिविल सेवकों में किसी भी कार्य को करने के लिए आत्मविश्वास होना जरूरी है। कार्य के सफलतापूर्वक निर्वहन के लिए कोई भी चुनौती आने पर अपने आत्मविश्वास में कमी नहीं आने देना चाहिए।
पूर्व पुलिस महानिदेशक राजीव माथुर ने सिविल सेवकों को अपने संबोधन में कहा कि आप देश के सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्क हैं। हमेशा मानवीय भावनाओं को समझते हुए अपने कार्यों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि किसी भी जिले में बेहतर कार्य करने के लिए कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला न्यायाधीश के बीच बेहतर तालमेल होना जरूरी है। जब इन तीनों में सामंजस्य होता है, तो हर कार्य आसान हो जाते हैं।
पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक ए.के.सिंह ने कहा कि आज सिविल सेवकों के द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्य सम्पादित किए जा रहे हैं, जिसमें उनके वर्कलोड में काफी बढ़ोत्तरी भी हुई है। उन्होंने कहा कि एक अच्छे राष्ट्र के निर्माण में सभी सिविल सेवक अपना विशिष्ठ योगदान दे रहे हैं।
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