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भौतिक समृद्धि के लिए पर्यावरण को नही हो कोई नुकसान- मोदी

नई दिल्ली 06 जून।प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत 2030 तक उत्‍सर्जन में अपने सकल घरेलू उत्‍पाद(जी डी पी) की 33 से 35 प्रतिशत कमी करने के लिए वचनबद्ध है।

श्री मोदी ने कल शाम विश्‍व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारतीय संस्‍कृति प्रकृति के सामंजस्‍य में जीती है।उन्होने सतत विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।उन्‍होंने कहा कि यह हरेक का कर्तव्‍य है कि भौतिक समृद्धि के लिए पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।

इस वर्ष के विषय..बीट प्‍लास्टिक पोल्‍युशन..यानी प्‍लास्टिक प्रदूषण खत्‍म करने के बारे में श्री मोदी ने कहा कि प्‍लास्टिक प्रदूषण पहले से ही पारिस्थितिकी के लिए घातक साबित हो रहा है।स्‍वच्‍छ ऊर्जा के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने 2022 तक सौर और पवन ऊर्जा से 175 गीगावाट बिजली के उत्‍पादन का लक्ष्‍य रखा है।

श्री मोदी ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं को विषैले धुएं से छुटकारा दिलाने और लकड़ी जलाने पर निर्भरता खत्‍म करने के लिए पिछले दो वर्ष में रसोई गैस के चार करोड़ कनेक्‍शन दिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत में वृक्षों और वनों का क्षेत्र एक प्रतशित बढ़ा है।प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर में 30 करोड़ एलईडी बल्‍ब लगाये गये हैं जिससे बिजली बचाने और वातावरण में कार्बन डाईआक्‍साईड में कमी लाने में मदद मिली है।

उन्होने कहा कि सरकार का हर घर में बिजली कनेक्‍शन देने का लक्ष्‍य है जिससे पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले ईंधन के इस्‍तेमाल पर निर्भरता घटेगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम के नतीजे आने शुरू हो गए हैं।श्री मोदी ने कहा कि भारत विश्‍व में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍था है और सरकार लोगों के जीवनस्‍तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।