
जगदलपुर 05 मार्च।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने उच्च शिक्षा युवाओं के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और वह व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए उन्नत ज्ञान, कौशल और अवसर प्रदान करती है।
श्री हरिचंदन ने आज यहां ‘शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के माध्यम से युवा गंभीर सोच क्षमताओं, रचनात्मकता और नैतिक मूल्यों को प्राप्त करते हैं, जो उन्हें जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। यह बेहतर करियर संभावनाओं के द्वार खोलता है, आर्थिक विकास में योगदान देता है और अपने समुदायों में सशक्त नेताओं और सक्रिय नागरिकों को तैयार करता है। एक साक्षर युवा किसी भी समाज, राज्य या देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ सरकार विशेष रूप से युवाओं से अपेक्षा करती है कि वे शांति, सद्भाव और प्रगति के मूल्यों को बनाए रखते हुए अपने समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय रूप से भाग लें। उन्हें रोजगार क्षमता बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास में योगदान देने के लिए शिक्षा और कौशल विकास पहल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
श्री हरिचंदन ने कहा कि बस्तर समृद्ध, प्राकृतिक प्रचुरता और जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं से समृद्ध भूमि है। प्रकृति ने बस्तर को अप्रतिम सौंदर्य का उपहार दिया है। इसके हरे-भरे जंगल, बहती नदियाँ और खनिज युक्त मिट्टी इसकी पारिस्थितिक समृद्धि का प्रमाण हैं। बस्तर के आकर्षण के केंद्र में इसकी जीवंत सांस्कृतिक पच्चीकारी निहित है। गोंड, माड़िया और मुरिया जैसी जनजातियों ने अद्वितीय भाषाओं, रीति-रिवाजों और कला रूपों का पोषण किया है। बस्तर में आधुनिकता को अपनाते हुए सतत विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि बस्तर अंचल में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर निकले सभी स्नातक एवं स्नाकोत्तर छात्र बस्तर के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने इस समारोह में पिछले दो सत्रों में 93 स्वर्ण पदक प्राप्त युवाओं से भेंट की, जिसमें 71 महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता बस्तर और सरगुजा के विकास की है। जनजातीय क्षेत्र को भी विकास की दौड़ में आगे बढ़ाना है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को 20 नये विभागों में 33 नये पाठ्यक्रम आरंभ करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन नये पाठ्यक्रमों में बहुत से पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो उद्यम के इच्छुक युवाओं के लिए काफी उपयोगी हैं। कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जबकि भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक प्रोफेसर राम कुमार काकानी ने दीक्षांत भाषण दिया।
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