रामलला के दरबार में धूमधाम से होली मनाने की तैयारी है। ट्रस्ट ने इसकी योजना बनानी भी शुरू कर दी है। होली का स्वरूप क्या होना चाहिए, इस पर पुजारियों से चर्चा चल रही है।
रामनगरी में इस बार राममंदिर की होली सभी के लिए आकर्षण का केंद्र होगी। 495 साल बाद रामलला की होली भव्य महल में होने जा रही है। इसलिए रामलला के दरबार में धूमधाम से होली मनाने की तैयारी है। ट्रस्ट ने इसकी योजना बनानी भी शुरू कर दी है। होली का स्वरूप क्या होना चाहिए, इस पर पुजारियों से चर्चा चल रही है।
भव्य महल में रामलला की यह पहली होली होगी। 1528 में मुगल सम्राट बाबर के सेनापति मीर बाकी के हमले के बाद रामलला के लिए कोई भी उत्सव परंपरा निर्वहन तक ही सीमित रह गई थी। अब 495 साल बाद रामलला जब टेंट से अस्थायी और भव्य महल में विराजे हैं तो उत्सव भी भव्य होगा।
भव्य महल में रामलला की पहली होली को लेकर संत-धर्माचार्यों एवं भक्तों में खासा उल्लास है। दूसरी तरफ रामनगरी के मंदिरों में भी इस बार राममंदिर वाली होली का आयोजन किए जाने की तैयारी है। संतों का कहना है कि होली पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी पूरे उत्साह के साथ बयां की जाएगी।
श्रीरामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इस बार भक्तों को रामलला के साथ होली खेलने का अवसर मिले, ऐसी तैयारी की जा रही है। रामलला को नए वस्त्र धारणकराकर विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाएगा। 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा। इसके बाद अबीर-गुलाल अर्पित कर होली का उत्सव मनाएंगे। इस बार राममंदिर के गर्भगृह में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, होली के गीतों व पदों का गायन होगा।
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