बिलासपुर 14 जुलाई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि न्याय पालिका लोकतंत्र का अत्यंत मजबूत आधार स्तम्भ हैं और उनकी सरकार इसे और भी अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए वचनबद्ध है।
डा.सिंह आज यहां उच्च न्यायालय परिसर में राज्य अधिवक्ता परिषद के नवनिर्मित कार्यालय भवन के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि नये वकीलों को अपने कैरियर के शुरूआती दौर में कई व्यावहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।राज्य सरकार ने उनकी इन दिक्कतों को महसूस करते हुए उनके लिए स्टायफंड की भी व्यवस्था करेगी।इसके साथ ही अधिवक्ताओं की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को बीमा के रूप में तीन लाख रूपए की सहायता देने का प्रावधान भी जल्द किया जाएगा।
उन्होने कहा कि राज्य निर्माण के समय छत्तीसगढ़ में सिर्फ 102 न्यायिक अधिकारी थे, जिनकी संख्या आज की स्थिति में बढ़कर 450 हो चुकी है।इस अवधि में राज्य में न्यायिक सेवाओं का बजट 16 करोड़ 50 लाख रूपए से बढ़कर 536 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या दो से बढ़कर 22 हो गई है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बेंच और बार न्यायपालिका रूपी रथ के दो पहिए हैं। न्यायिक सेवाओं का लाभ जनता को दिलाने के लिए दोनों पहियों का साथ चलना जरूरी है। श्री गुप्ता ने कहा कि संविधान का पालन सुनिश्चित करना सरकार और न्यायालय दोनों का उद्देश्य होता है।उन्होंने छत्तीसगढ़ को अपने परिवार की तरह बताते हुए कहा कि जब भी मुझे यहां से कोई आमंत्रण मिलता है, मैं उसे एक आत्मीय आदेश मानकर चला आता हूं।समारोह को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी ने भी सम्बोधित किया।