नई दिल्ली 31 जुलाई।राज्यसभा की कार्यवाही असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के जारी होने के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के विरोध के कारण आज दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने इस मुद्दे पर आज सदन में चर्चा के दौरान कहा कि असम समझौता 1985 में राजीव गांधी सरकार ने किया था, लेकिन हिम्मत की कमी के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका।उन्होने कहा कि..14 अगस्त, 1985 को श्री राजीव गांधी ने एक असम अकोर्ड साइन किया। असम अकोर्ड का आत्मा ही एनआरसी था। अकोर्ड में कहा गया, अवैध घुसपैठियों को पहचान कर उनको हमारे सिटीजन रजिस्टर से अलग कर नेशनल सिटीजन रजिस्टर बनाया जाएगा। कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री ने लिया हुआ है..।
श्री शाह के वक्तव्य के विरोध में विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। शोर-शराबा जारी रहने पर सभापति वैंकेया नायडु ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। स्थगन के बाद कार्यवाही फिर शुरू होने पर सदस्यों के हंगामे के कारण सभापति ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
चर्चा की शुरूआत करते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह असम के चालीस लाख से अधिक लोगों के मानवाधिकार का मुद्दा है।उन्होंने कहा कि मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने का कर्तव्य निभाए।