वाराणसी 18सितम्बर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार वाराणसी का विकास सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है ताकि इससे पूर्वी भारत के विकास के द्वार खुल सकें।
श्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे के आज दूसरे दिन 557 करोड़ रूपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद बनारस हिन्दूविश्वविद्यालय में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि..बनारस को पूर्वी भारत के गेटवे के तौर पर विकसितकरने का भरसक प्रयास हो रहा है और इसलिए सरकार की प्राथमिकता 21वीं सदी की आवश्यकता के अनुरूप हो, ट्रांसपोर्ट हो, मेडिकल सुविधाएं हो, शिक्षा सुविधाएं हो, सभी का विकास किया जा रहा है..।
उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय को पूर्वी भारत के चिकित्सा केन्द्र के रूप में विकसित करने जा रही है।उन्होने वाराणसी मुख्य शहर के लिए बाहरी मार्गों के साथ ही नई सड़कों का निर्माण की जानकारी देते हुए बताया कि..वाराणसी शहर के भीतर और वाराणसी को दूसरे राज्यों से जोड़ने वाली सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है, उनको विस्तार दिया जा रहा है। वाराणसी, हनुमना यानी नेशनल हाइवे नम्बर सेवन,वाराणसी-सुलतानपुर मार्ग, वाराणसी-गोरखपुर सेक्शन,वाराणसी-हंडिया सड़क संपर्क भी हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं..।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी सुंदर हो गया है और अब आसानी से वहां पहुंचा जा सकता है।उन्होने कहा कि अगले वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के उद्घाटन अवसर पर सबकी नजरे काशी की ओर होंगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्रवासी भारतीयों का अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचय कराएं।
श्री मोदी ने कहा कि दुनिया भर में बसे भारतीयों का कुम्भ यहां काशी में लगने वाला है और इसके लिए सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है, लेकिन आपका सहयोग भी आवश्यक होगा। एक-एक काशीवासी को इसके लिए आगे आना होगा।काशी की गली-गली, नुक्कड़, चौराहे पर बनारसका रस, बनारस का रंग, बनारस की सांस्कृतिक विरासत नजर आनी चाहिए।प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत से जुड़ने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को बधाई दी।
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