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आलेख

मोदी-सेना: हिंद की सेना के नए नामकरण के राजनीतिक-निहितार्थ – उमेश त्रिवेदी

भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं के चुनाव अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति गहराता भक्ति-भाव और समर्पण का आवेश व्यक्ति-पूजा के नित नए आयाम गढ़ रहा है। वैसे तो देश के सभी प्रधानमंत्रियों की खुशामद के किस्सों से राजनीतिक इतिहास के पन्ने रंगे हुए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी …

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गांधी परिवार से रायबरेली का रिश्ता अमेठी से भी पुराना -राज खन्ना

गांधी परिवार से रायबरेली का रिश्ता अमेठी से भी पुराना है। असलियत में रायबरेली अमेठी को गांधी परिवार से जोड़ने का जरिया बनी। 1952 और 57 के दो चुनावों में फ़िरोज गांधी ने रायबरेली से जीत दर्ज की थी। वह इंदिरा जी के पति थे, यह उनका एक परिचय है। …

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क्या कांग्रेस का ‘न्याय’ चुनाव का धधकता ‘नेरेटिव’ बदल सकेगा? – उमेश त्रिवेदी

कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में पहली बार अलग से किसान-बजट बनाने की पहल करके यह राजनीतिक संकल्प व्यक्‍त किया है कि वो लोकसभा चुनाव के नेरेटिव को गरीबी-गुरबत से जुड़े बुनियादी मुद्दों पर ही केन्द्रित करना चाहती है। रोजगार और किसान पर केन्द्रित कांग्रेस के ‘मेनीफेस्टो’ की थीम ‘वेल्थ एंड …

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वरुण पीलीभीत पहुंचते ही चुनाव तक बदल गए या बाद के लिए भी ! – राज खन्ना

पीलीभीत पहुंचते ही सुल्तानपुर के सांसद वरुण गांधी के अंदाज़ बदले हुए हैं। 2014 में वह सुल्तानपुर से लोकसभा के लिए चुने गए थे। अपने चुनाव प्रचार में नरेंद्र मोदी का नाम नही लेते थे। अपनी सभाओं में मोदी के नाम के नारों से उन्हें परहेज़ था। जीत के बाद …

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लोकसभा चुनाव: बुंदेलखंड में आसान नहीं डगर कांग्रेस की – अरुण पटेल

बुंदेलखंड अंचल में पड़ने वाले चार लोकसभा क्षेत्रों सागर, टीकमगढ़, दमोह और खजुराहो में लोकसभा चुनाव को अभी तक के चुनावी इतिहास से जोड़कर देखा जाए तो एक-दो अपवादों को छोड़कर नब्बे के दशक से आज तक कभी कांग्रेस या समाजवादियों के लिए उर्वरा रही यहां की जमीन धीरे-धीरे कांग्रेस …

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मिशन-शक्ति: सेटेलाइट-मिसाइल के टारगेट पर लोकसभा चुनाव – उमेश त्रिवेदी

27 मार्च 2019, बुधवार के दिन एंटी-सेटेलाइट मिसाइल (ए-सेट) के सफल परीक्षण के बाद ’मिशन-शक्ति’ की सफलता का समाचार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरीके से कोई पौन घंटे तक देश को ’होल्ड’ पर रखा, उसमें असामान्य राजनीतिक और अतिशय कूटनीतिक प्रवृत्तियों के दिग्दर्शन होते हैं। लोकसभा …

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सुल्तानपुर से मेनका गांधी का परिचय पुराना- राज खन्ना

मेनका गांधी का सुल्तानपुर से परिचय पुराना है। पति संजय गांधी की मृत्यु के बाद अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत के लिए 18 सितम्बर 1982 को  वह गौरीगंज (अमेठी) पहुंची थीं । 1977 के चुनाव मे भी वह पति के साथ सक्रिय थीं। हालांकि 1980 के चुनाव में वरुण के …

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न्याय-योजना: राष्ट्रवाद की अमूर्त अदालत में गरीबी की जिंदा दलीलें – उमेश त्रिवेदी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस ऐलान की गूंज गरीबों की झोपड़ियों और मुफलिसों के टपरों तक भले ही पूरी तरह से नहीं पहुंच पाई हो कि केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में देश के हर गरीब को सालाना 72 हजार रुपए मिलेंगे, लेकिन इसकी अनुगूंज ने …

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अमेठी क्यों पूछी जाती है…….? – राज खन्ना

अमेठी का रण 2014 के नतीजे के फौरन बाद 2019 के लिए सज गया था। भाजपा तभी से तैयारी में थी। नाम की घोषणा तो महज औपचारिकता थी। सबको पता था कि स्मृति ईरानी एक बार फिर राहुल गांधी के मुकाबिल होंगी। 2014 की मोदी लहर में उनके पास सिर्फ …

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कांग्रेस और भाजपा की बेचैनी बढ़ा रही है ग्वालियर चंबल घाटी- अरुण पटेल

मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर जीत का परचम लहराने का सपना भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दो साल पहले से देखना प्रारंभ कर दिया था, लेकिन ‘वक्त है बदलाव का‘ नारे के साथ प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनने के साथ ही उनका यह …

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