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भीम नगरी समारोह: दलितों की राजधानी में सपा-कांग्रेस पर बरसे सीएम योगी…

आगरा में भीमनगरी समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इसक बाद उन्होंने मंच से अपने संबोधन में विरोधी दलों को निशाने पर लिया। एक तीर से कांग्रेस और सपा के सामने नीली रेखा खींच दी तो सरकार की दलित हितैषी योजनाओं को गिनाकर वोट बैंक भी साधा।

सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के महाराजा राणा सांगा पर दिए बयान से गरमाई सियासत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को भीम नगरी के मंच से नई पटकथा लिखी। दलितों की राजधानी में संदेश दिया कि भाजपा सर्व समाज की पार्टी है। उन्होंने बाबा साहब के आदर्श और उनकी यादों को संजोने के सपने की बात तक मंच से कही। बोले, देश-दुनिया में दलित वंचितों की आवाज देने का कार्य किसी व्यक्ति के जीवन के माध्यम से प्रेरणा बन पाती है तो नाम होता है बाबा साहब डाॅ. भीमराव आंबेडकर का।

मुख्यमंत्री ने अपने 40 मिनट के भाषण में कांग्रेस और सपा को भी निशाने पर रखा। बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर अत्याचार से कांग्रेस और सपा पर वार किए। उन्होंने एक तीर से कांग्रेस और सपा के सामने नीली रेखा खींच दी तो मोदी सरकार और प्रदेश सरकार की दलित हितैषी योजनाओं को गिनाकर वोट बैंक भी साध लिया। सपा सरकार पर छात्रवृत्ति रोकने और संस्थानों के नाम बदलने का मुद्दा उठाया।

8 विस सीटों पर प्रभावी हैं दलित मतदाता
आगरा दलितों की राजधानी है। वर्ष 1996 से भीम नगरी का आयोजन अनवरत रूप से चलता हुआ आ रहा है। नौ में से आठ विधानसभाओं में दलित मतदाता किसी भी पार्टी के लिए निर्णायक की भूमिका में रहते हैं। इस बार भाजपा ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर एक बड़ा संदेश दिया है, जिससे साफ है कि भाजपा ने मिशन 2027 को लेकर अपनी राजनैतिक गोटियां बिछाना शुरू कर दिया है।

भीम नगरी आयोजन को सराहा
30वीं बार आयोजित हो रही भीम नगरी के मंच पर पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए तो उन्होंने कहा कि अपने पूर्वजों और महापुरुषों के प्रति सम्मान का क्या भाव होना चाहिए, अगर इसका दर्शन करना है तो यहां चार दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करके बाबा साहब की वर्ष 1956 में आगरा में उपस्थिति को अनुयायियों ने जीवंत बनाए रखा है। यह सराहनीय है।

24 साल बाद दूसरी बार भीमनगरी आयोजन में भाजपा के मुख्यमंत्री
भीम नगरी में पूर्व प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सरकार के तमाम कबीना मंत्री मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो चुके हैं। इनमें वर्ष 2001 में भीमनगरी में मुख्य अतिथि भाजपा के ही तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह बने थे। 24 साल बाद दूसरी बार ऐसा हुआ है जब भाजपाई मुख्यमंत्री ने मंच पर आकर बाबा साहब के बताए मार्ग पर चलने का संदेश दिया। भीम नगरी आयोजन समिति के संरक्षक अधिवक्ता करतार सिंह भारती ने बताया कि वर्ष 1957 से लगातार डॉ. आंबेडकर शोभायात्रा निकाली जा रही है। वर्ष 1996 में भीमनगरी आयोजन की शुरुआत ईदगाह कुतलूपुर से हुई थी। यहां पर बाबा साहब की पत्नी सविता आंबेडकर आई थीं। योगी आदित्यनाथ अपने करीब 8 साल के कार्यकाल में पहली बार मुख्य अतिथि के रूप में भीमनगरी में शामिल हुए।

सही और गलत की पहचान करके आगे बढ़ें
मुख्यमंत्री ने जहां बाबा साहब के आदर्शों पर चलने की बात के साथ कांग्रेस और सपा पर भी तीर चलाए। कहा कि 18 मार्च 1956 को आगरा आए तो तब उन्होंने एक बात कही थी कि मैंने संघर्ष किया। एक रास्ता दिखाया। अब इसे मंजिल तक पहुंचाने का दायित्व आपको साैंप रहा हूं। उन्होंने कहा था कि शिक्षित बनो। अपने बच्चों को शिक्षित बनाओ। उन्होंने आगरा को आगे बढ़ाने के लिए आज सरकारें कार्य कर रही है। उन्होंने संगठित रहने और हक के लिए लड़ो। सही और गलत की पहचान करके आगे बढ़े। अपना मार्ग प्रशस्त करिये।

बाबा साहब के संविधान ने भारत को एकता के सूत्र में बांधा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी बाबा साहब के बनाए संविधान का अपमान करता है, इसका मतलब है कि वो बाबा साहब की अवमानना कर रहे हैं। हमें ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। बाबा साहब का संविधान अपने 75 वर्षों की यात्रा को लेकर आगे बढ़ा है। उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक भारत को एकता के सूत्र में बांधा है। भारत के प्रत्येक नागरिक को दुनिया के अंदर कई शक्तिशाली देश हैं, लोग तमाम प्रकार की घोषणाएं करते हैं, लेकिन उन्होंने अपने यहां अश्वेत और दलितों को अपना मताधिकार का प्रयोग करने की स्वतंत्रता नहीं दी थी। मगर, बाबा साहब के बनाए संविधान से पहले ही चुनाव से हर गरीब, वंचित और दलित को मताधिकार का प्रयोग करने की स्वतंत्रता दी है।

नीले मंच पर योगी के लिए भगवा कुर्सी
भीमनगरी के मंच को भव्य तरीके से सजाया गया। सुरक्षा के चाकचाैबंद इंतजाम किए गए। भीमनगरी में मुख्यमंत्री के आगमन वाले द्वार के पास एक तरफ बाबा साहब का हाथी था तो मंच के आगे नीले झंडे के साथ राष्ट्रीय ध्वज लहराया जा रहा था। वहीं एक तरफ बाबा साहब की प्रतिमा भी रखी गई थी। मंच के बिल्कुल मध्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी थी। इस कुर्सी पर भगवा कपड़ा लगाया गया था।

स्वागत में मोबाइल फ्लैश से की रोशनी
मंच से आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने लोगों से कहा कि भीमनगरी में आए मुख्यमंत्री का स्वागत करें। इसके लिए अपने मोबाइल की फ्लैश जलाएं। इस पर लोगों ने अपनी-अपनी सीटों पर खड़े होकर मोबाइल की टार्च जलाईं और बाबा साहब अमर रहें के नारे भी लगाए।

छात्रों ने स्वागत गीत पर दी प्रस्तुति
मुख्यमंत्री ने मंच पर आने के बाद सबसे पहले बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके बाद उनके स्वागत में छात्राओं ने मनमोहक प्रस्तुति दी।