तीन नये मंत्रियों की बात करें तो इसमें दुर्ग संभाग से दुर्ग शहर विधायक विधायक गजेंद्र यादव, सरगुजा संभाग से अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल और रायपुर संभाग से आरंग विधायक और सतनामी समाज के गुरु खुशवंत साहेब ने मंत्री पद की शपथ ली। बीती रात को तीनों विधायक सीएम हाउस पहुंचकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की थी। इसके बाद स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो गई। सभी अटकलों पर पूरी तरह से विराम लग गया।
पहली बार के ये तीनों विधायक बने मंत्री
दुर्ग संभाग से दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव
सरगुजा संभाग से अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल
इन तीन विधायकों से पहले अमर अग्रवाल बिलासपुर संभाग से, राजेश मूणत रायपुर संभाग से, अजय चंद्राकर रायपुर संभाग से, किरण सिंहदेव बस्तर संभाग से नये मंत्री बनने के लिये रेस में थे। सूत्रों के अनुसार, खुद विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह दिल्ली में रुके हुए थे। ऐसा माना जा रहा था कि उनके समय के पुराने कैबिनेट में से किसी एक को नये कैबिनेट में शामिल किया जायेगा पर पार्टी हाइकमान से बात नहीं बन पाई। देर रात तीनों विधायक राजेश अग्रवाल, गजेंद्र यादव और गुरु खुशवंत साहेब सीएम हाउस पहुंचे थे। इसके बाद मंत्री बनने की बात पूरी तरह से पुष्ट हो गई और सभी कयासों पर विराम लग गया।
हरियाणा की तर्ज पर हो रहा साय कैबिनेट का विस्तार
हरियाणा की विधानसभा में भी 90 विधायक हैं। हरियाणा में बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री हैं। हरियाणा के फॉर्मूले को छत्तीसगढ़ में भी लागू करते हुए 3 और मंत्री बनाये जा रहे हैं। हालांकि, छत्तीसगढ़ में राज्य बनने के बाद से 13 मंत्री ही बनते आए हैं, जबकि नियम के तहत विधयकों की संख्या के 15 प्रतिशत ही मंत्री बन सकते हैं। इस नियम के तहत 90 विधायकों में 13.5 मंत्री बन सकते हैं। इसलिए अब छत्तीसगढ़ में पहली बार मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री हो जायेंगे।
क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण के आधार पर मंत्रिमंडल का विस्तार
वर्तमान में साय कैबिनेट में अभी मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्री हैं। सबसे ज्यादा सरगुजा संभाग से मंत्री हैं। रायपुर दुर्ग और बस्तर संभाग से मात्र एक-एक मंत्री हैं। बीजेपी सरकार बनने के बाद साय कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री थे, लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से मुख्यमंत्री साय 11 मंत्रियों के साथ काम कर रहे थे।