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पहलगाम हमले से सामने आया देशों की मित्रता का असली स्वरूप- मोहन भागवत

नागपुर 02 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद विभिन्न देशों के रुख से भारत के साथ उनकी मित्रता की वास्तविक गहराई स्पष्ट हुई है।

   श्री भागवत ने आज यहां आरएसएस की वार्षिक विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के अन्य देशों से मित्रतापूर्ण संबंध हैं और आगे भी रहेंगे, लेकिन जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की आती है तो हमें और अधिक सतर्क, सावधान तथा मजबूत बनने की आवश्यकता है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकियों ने सीमा पार कर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में धर्म पूछकर 26 भारतीयों की निर्मम हत्या कर दी, जिसके जवाब में भारत ने सख्त कार्रवाई की।

  संघ प्रमुख ने कहा, इस हमले से देश में गहरा आक्रोश और पीड़ा फैली। सरकार ने पूरी तैयारी के साथ कड़ा जवाब दिया। इस दौरान नेतृत्व का दृढ़ संकल्प, सशस्त्र बलों का पराक्रम और समाज की एकजुटता सबके सामने आई।”

   श्री भागवत ने आगे कहा कि चरमपंथी तत्वों को सरकार की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है और समाज ने भी उनके खोखलेपन को पहचानकर उनसे दूरी बना ली है। उन्हें नियंत्रित किया जाएगा। उस क्षेत्र में एक बड़ी बाधा अब दूर हो चुकी है,” कहा।

   आरएसएस प्रमुख ने यह भी माना कि न्याय, विकास, सद्भावना, संवेदनशीलता और मजबूती सुनिश्चित करने वाली योजनाओं की कमी अक्सर चरमपंथी ताकतों के उभार का कारण बनती है। उनके अनुसार, जब व्यवस्था में सुस्ती या कमी दिखाई देती है तो लोग चरमपंथी तत्वों से समर्थन लेने लगते हैं। इसे रोकने के लिए सरकार और समाज को मिलकर ऐसी पहल करनी होगी जिससे लोगों का व्यवस्था पर विश्वास और मजबूत हो।

कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।