
रायपुर, 19 दिसंबर।छत्तीसगढ़ को नवंबर 2024 से अब तक 18 विभिन्न क्षेत्रों में कुल 7.83 लाख करोड़ रुपये के 219 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा सेंटर, सीमेंट, बिजली और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में आए इन निवेशों से प्रदेश में लगभग 1.5 लाख रोजगार सृजित होने की संभावना है, जिससे संतुलित और समावेशी विकास को मजबूती मिल रही है।
उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने पत्रकार वार्ता में आज यह जानकारी देते हुए बताया कि अब निवेश केवल रायपुर तक सीमित नहीं हैं। प्रस्तावित निवेशों में से करीब 21 प्रतिशत आदिवासी बहुल बस्तर संभाग, 33 प्रतिशत रायपुर संभाग और शेष 46 प्रतिशत बिलासपुर, दुर्ग व सरगुजा संभाग में प्रस्तावित हैं। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि औद्योगिक विकास अब राज्य के दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों तक पहुंच रहा है।
उन्होंने बताया कि निवेश की क्षेत्रीय विविधता ने राज्य की औद्योगिक नींव को और मजबूत किया है। कुल निवेश का लगभग आधा हिस्सा सेमीकंडक्टर, एआई डेटा सेंटर पार्क जैसे प्राथमिक (थ्रस्ट) क्षेत्रों में है, जबकि सीमेंट और बिजली जैसे पारंपरिक उद्योग भी मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। कुल प्रस्तावों में 57 परियोजनाएं ऐसी हैं जिनका निवेश एक हजार करोड़ रुपये से अधिक है, वहीं 34 परियोजनाएं एक हजार से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली हैं।
पत्रकार वार्ता में बताया गया कि अब तक 6,063 करोड़ रुपये की 9 बड़ी परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं, जिनमें उत्पादन भी प्रारंभ हो गया है और 5,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिल चुका है। इसके अलावा 109 परियोजनाएं उन्नत चरण में हैं, जो निर्माणाधीन हैं या भूमि आवंटन के बाद तेजी से आगे बढ़ रही हैं। ये परियोजनाएं राज्य के 24 जिलों और 16 क्षेत्रों में फैली हैं, जिनसे आने वाले समय में 87,132 नए रोजगार सृजित होंगे।
उद्योग मंत्री ने प्रमुख परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि पोलिमेटेक की 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की सेमीकंडक्टर फैक्ट्री को केवल 45 दिनों में भूमि आवंटित किया गया और काम तेजी से शुरू हुआ। देश का पहला 1,000 करोड़ रुपये का एआई डेटा सेंटर पार्क अब लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। ड्रॉल्स का 625 करोड़ रुपये का पेट फूड विस्तार प्रोजेक्ट ट्रायल प्रोडक्शन में पहुंच चुका है, जिससे करीब तीन हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा अल्ट्राटेक सीमेंट का 1,600 करोड़ रुपये का निवेश शुरू हो चुका है और आदित्य बिड़ला समूह का 67.5 मेगावाट का सोलर प्लांट मई से उत्पादन कर रहा है। बस्तर में प्रस्तावित 350-बेड का आधुनिक अस्पताल भी लगभग तैयार है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों को उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
श्री देवांगन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए सुधारों से विवेकाधिकार की जगह पारदर्शिता आई है, जिससे निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ा है। सरल प्रक्रियाएं और तेज़ फैसले इस बात का प्रमाण हैं कि संवेदनशील शासन उद्योगों को गति दे सकता है। वहीं वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने कहा कि सरकार का फोकस निवेश प्रस्ताव के बाद भी निवेशकों की गति बनाए रखने पर है, ताकि भूमि आवंटन से लेकर निर्माण तक की प्रक्रिया में कोई अनावश्यक देरी न हो।
उन्होंने बताया कि वन-क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम, जन विश्वास अधिनियम के तहत छोटे अपराधों का अपराधमुक्तिकरण, स्वचालित भूमि म्यूटेशन, डिजिटल भूमि रिकॉर्ड, एकीकृत भवन स्वीकृति प्रणाली और 24×7 फायर एनओसी जैसी व्यवस्थाओं ने निवेश का माहौल पूरी तरह बदल दिया है। इन्हीं सुधारों के चलते छत्तीसगढ़ को डीपीआईआईटी द्वारा चार श्रेणियों में ‘टॉप अचीवर’ की मान्यता भी मिली है।
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