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मोदी ने जल संरक्षण के लिए जनआंदोलन शुरु करने का किया आह्वान

नई दिल्ली 30 जून।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से जल संरक्षण के लिए जनआंदोलन शुरु करने का आह्वान करते हुए लोगों से  जल की एक-एक बूंद बचाने का आग्रह किया है।

श्री मोदी ने केंद्र में दोबारा सत्‍ता में आने के बाद आज पहली बार मन की बात कार्यक्रम में राष्‍ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि जल संरक्षण के तरीकों का प्रचार-प्रसार होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने लोगों से यह अनुरोध भी किया कि वे जल संरक्षण के उन पारम्परिक तरीकों को साझा करें जो सदियों से उपयोग में लाए जाते रहे हैं।

श्री मोदी ने लोगों से अनुरोध किया कि वे ऐसे लोगों, स्वंयसेवी संस्थाओं और अन्य व्यक्तियों के बारे में जानकारी दें जो जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।..मैं विशेष रूप से अलग-अलग क्षेत्र की हस्तियों से, जल संरक्षण के लिए का नेतृत्व करने का आग्रह करता हूँ। फिल्म जगत हो, खेल जगत हो, मीडिया के हमारे साथी हों, सामाजिक संगठनों से जुड़ें हुए लोग हों, सांस्कृतिक संगठनों से जुड़ें हुए लोग हों, कथा-कीर्तन करने वाले लोग हों, हर कोई अपने-अपने तरीके से इस आंदोलन का नेतृत्व करें..।

प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के संबंध में जानकारी देने के लिए हैश टैग जन शक्ति फॉर जल शक्ति का उपयोग करने का अनुरोध किया।उन्होने कहा कि देश में पानी से संबंधित सभी विषयों पर तेजी से निर्णय लेने के लिए नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने सभी सरपंचों और ग्राम प्रधानों को पत्र लिखकर गांवों में जल संकट के समाधान पर ग्रामीणों के साथ चर्चा करने को कहा है।

भारतीय संस्कृति में जल के असीम महत्व का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने ऋग्वेद के आप: सूक्त का भी उल्लेख किया। हाल ही में मनाए गए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के  बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि समग्र स्वास्थ्य के प्रति  जागरुकता ने योग की महिमा और योग दिवस का महत्व बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि योग ने व्यापक रूप ले लिया है  और विश्वभर में योग दिवस को सामूहिक रूप से मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कई उदाहरण देकर बताया कि जापान, इटली और कई अन्य देशों में योग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

लोकतंत्र के महत्व पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक व्यवस्था के सुगम संचालन के लिए संविधान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत इस बात पर गर्व कर सकता है कि कानून और व्यवस्था के अलावा लोकतंत्र हमारी संस्कृति में रचा-बसा है और यह हमारी विरासत का अंग है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनावों में 61 करोड़ लोगों ने मताधिकार का उपयोग किया। यह संख्या अमरीका की पूरी आबादी, यहां तक कि यूरोप की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रक्रिया में शामिल अत्यधिक संसाधनों और श्रम शक्ति का भी उल्लेख किया।