नई दिल्ली 08 जुलाई।भारत ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत में जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय और ओएचसीएचआर की ताजा रिपोर्ट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट आतंकवाद को सही ठहराती है।यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्वीकृत मान्यता से सर्वथा भिन्न है।सुरक्षा परिषद ने इसी वर्ष फरवरी में, पुलवामा आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी और बाद में आतंकवादी गुट जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित किया था।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत आतंकवाद को कतई सहन नहीं करने की नीति पर चलता है और वह अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी उपाय करेगा।उन्होने कहा कि रिपोर्ट भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य की स्थिति पर पहले से चले आ रहे झूठे और भ्रामक प्रचार को ही जारी रखने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है और इसमें सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद के मूल मुद्दे को नजरअंदाज किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि यह रिपोर्ट वर्षों से पाकिस्तान की शह पर सीमा पार से किए जा रहे आतंकवादी हमलों से बनी स्थिति का विश्लेषण किए बगैर तैयार की गई है। प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि समूचा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान ने भारत के इस राज्य के एक हिस्से पर अवैध और जबरन कब्ज़ा कर रखा है।
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