नई दिल्ली 24 जुलाई।रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का प्रश्न ही नहीं है क्योंकि यह शिमला समझौते के खिलाफ होगा।
रक्षामंत्री ने लोकसभा में शून्यकाल में बयान देते हुए कहा कि विदेश मंत्री एस0 जयशंकर सदन में पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछले महीने जापान के ओसाका में अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के साथ बातचीत के दौरान कश्मीर का मुद्दा नहीं उठा था। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की बैठक के दौरान विदेश मंत्री डॉक्टर एस0 जयशंकर भी मौजूद थे।श्रीसिंह ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता देश की नीति के विरूद्ध है।
श्री सिंह ने कहा कि कश्मीर के सवाल पर हम इसलिए भी किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि हमारे लिए यह राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रश्न है।हम सब कुछ स्वीकार कर सकते हैं, हम सब चीज से समझौता कर सकते हैं लेकिन किसी भी सूरत में अपने राष्ट्रीय स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं कर सकते।
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी डी एम के और टी एम सी ने रक्षामंत्री के बयान के विरोध में सदन से वाकआउट किया। इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मुददे पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग करते हुए कहा कि वे अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बयान की सच्चाई सीधे प्रधानमंत्री के मुंह से सुनना चाहते हैं।प्रधानमंत्री के जवाब की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों ने नारे लगाये और सदन के बीचोंबीच आ गये।इससे लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान हंगामे की स्थिति बनी रही।