रायपुर 24 जनवरी।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि सरस्वती शिक्षा संस्थान जो आचार व्यवहार और आध्यात्मिकता की शिक्षा देते हैं, उससे विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना पैदा होती है। साथ ही नेतृत्व के गुण भी विकसित होते हैं।
सुश्री उइके आज सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित मेधावी विद्यार्थियों के अलंकरण समारोह को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा भी होता है कि लोग डिग्रियां ले लेते हैं, परन्तु उनमें संस्कार नहीं होता है। सरस्वती शिक्षा संस्थान में शिक्षा के साथ संस्कार भी देते हैं। वह शिक्षा ही उपयोगी होती है, जो समाज और देश के लिए कार्य करने की प्रेरणा देती है। राज्यपाल ने इस अवसर पर मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान किया।
उन्होंने कहा कि सरस्वती शिक्षा संस्थान ऐसा नाम है, जो सुनाई देते ही मन में संस्कार देने वाली संस्था की तस्वीर मन मस्तिष्क में आ जाती है। यहां की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां पर अमीर-गरीब किसी भी वर्ग का विद्यार्थी न्यूनतम शुल्क पर बहुत ही सुलभ तरीके से शिक्षा प्राप्त कर सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि सिर्फ शहरों में ही नहीं, गांवों-दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों में इस संस्थान की पाठशाला निःस्वार्थ और समर्पण भाव से शिक्षण कार्य में रत है। ज जब बड़ी संख्या में कई कार्पोरेट जगत से जुड़े हुए स्कूल मौजूद हैं।उन सबके बीच अपनी जगह बना पाना ही इस शिक्षण संस्थान की श्रेष्ठता को सिद्ध करता है। उन्होंने कहा कि आज के युग में जब हमारी नई पीढ़ी आधुनिकीकरण की दौड़ में पश्चिमी सभ्यता की नकल कर रही है और हमारी प्राचीन संस्कृति और परम्पराओं को भूलते जा रही है, उस स्थिति में ऐसी शिक्षण संस्थाओं का होना अधिक प्रासंगिक है।
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