रायपुर 11 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि वन्यप्राणी-मानव द्वंद में जान गंवाने वाले वन कर्मियों को भी 15 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
डॉ.सिंह ने आज यहां साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित 13वें राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा वन तस्करों से मुठ़भेड़ में वन कर्मियों की मृत्यु होने पर उन्हें पुलिस कर्मियों के समान 15 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाती है।अब वन्य प्राण द्वंद और नक्सली घटना में मृत्यु पर भी वनकर्मियों को अनुग्रह राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन कर्मियों पर जैव विविधता को बचाने, लाखों वनवासियों को अजीविका देने वाले वनों के संरक्षण और संवर्धन तथा वन्य प्राणियों की रक्षा की महत्वपूर्ण जवाबदारी है। अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहादत देने वाले वनकर्मियों का छत्तीसगढ़ सहित पूरा देश सम्मान करता है। डॉ. सिंह ने शहीद वन कर्मियों को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका बलिदान विभाग के वन कर्मियों और दूसरे लोगों को वनों और वन्य प्राणियों की रक्षा के लिए समर्पण के जज्बे के साथ काम करने की प्रेरणा देगा। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय वन अधिकारी-कर्मचारी महासंघ द्वारा किया गया।
वन मंत्री महेश गागड़ा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। डॉ. सिंह ने कहा की छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित है। वन संपदा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का देश में तीसरा स्थान है, 7887 वन प्रबंधन समितियां 11 हजार गांवों में वनवासियों के सहयोग से वनों को बचाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं।
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