Thursday , September 18 2025

खतना करने की प्रथा पर सुनवाई सुको ने सौपी संविधान पीठ को

नई दिल्ली 24 सितम्बर।उच्‍चतम न्‍यायालय ने दाऊदी बोहरा मुसलमानों में  अवयस्‍क लड़कियों की खतना करने की प्रथा को चुनौती देने वाली एक याचिका आज पांच न्‍यायाधीशों की संविधान पीठ को सौंप दी।

मुख्‍य न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा और न्‍यायाधीश ए. एम. खनविलकर तथा न्‍यायाधीश डी. वाई. चन्‍द्रचूड़ की एक पीठ इस प्रथा को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका को दिल्‍ली के एक अधिवक्‍ता ने दायर किया है।

याचिका में कहा गया है कि अवयस्‍क लड़कियों की खतना करना गैरकानूनी है। याचिका के अनुसार यह संयुक्‍त राष्‍ट्र के बाल अधिकार समझौते तथा वैश्विक मानवाधिकार घोषणा के खिलाफ है, जबकि भारत ने भी इस घोषणा में हस्‍ताक्षर किये हैं।

इससे पहले, दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के सदस्‍यों के एक समूह ने शीर्ष न्‍यायालय के समक्ष कहा था कि यह प्रथा इस्‍लाम के कुछ संप्रदायों में लागू होती है जिनमें दाऊदी बोहरा समुदाय भी शामिल है।