
रायपुर 27 जुलाई। केंद्रीय श्रम व रोजगार तथा युवा कार्यक्रम व खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि केन्द्रीय बजट युवाओं, माहिलाओ, गरीब और किसानों को समर्पित है।
डॉ. मांडविया ने शनिवार को राजधानी में कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट विकसित भारत की श्री मोदी की सोच को प्रतिबिम्बित करता है। डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी कभी टोकन में नहीं, अपितु टोटल में सोचते हैं।
डॉ.मांडविया ने कहा कि आम आदमी के जीवन में बदलाव लाकर कैसे विकसित भारत का लक्ष्य अर्जित किया जा सकता है, यह बजट इस संकल्प का प्रतिबिम्ब है। डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने संकल्प व्यक्त किया है कि जब देश अपनी स्वतंत्रता का शताब्दी मना रहा हो तब देश को पूर्ण विकसित बनाना है। पूर्ण विकसित भारत के अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम और योजना पर काम करना प्रधानमंत्री श्री मोदी का विजन है। देश में चार वर्गों पर काम करके ही हम विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं और केंद्र सरकार के पिछले अंतरिम बजट में 4 मुख्य समूहों ‘गरीब’, ‘महिलाएं’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’ पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
डॉ मांडविया ने कहा कि अब केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस पहले पूर्ण बजट में एक महीना पहले सभी मुख्य फसलों के लिए उच्चतर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा करके लागत पर कम-से-कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने का वादा पूरा किया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा।
डॉ. मांडविया ने कहा कि इस वर्ष शिक्षा, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इस बजट में सभी के लिए भरपूर अवसर का सृजन करने के लिए 9 प्राथमिकताओं के संबंध में सतत प्रयासों की परिकल्पना की गई है : कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएँ, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अवसंरचन, नवाचार, अनुसंधान व विकास, और, अगली पीढ़ी के सुधार।
डॉ. मांडविया ने केंद्र सरकार के संसद में प्रस्तुत बजट की प्राथमिकताओं पर विस्तार से प्रकाश ड़ाला और बताया कि हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु के अऩुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी। खेती में सुविधा हो और समय के साथ खेती में तकनीकी सुधार आवश्यक होता है। जब भी कोई पैसा किसानी के काम में लगता है वह जब किसान के पास आता है तो देश की इकॉनॉमी पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। अगले दो वर्षों में पूरे देश में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी ताकि रासायनिक खाद के दुष्प्रभाव से बचा जा सकेगा।
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