राजधानी के प्रमुख मंदिरों में जन्माष्टमी के लिए खास तैयारी की गई है। विभिन्न मंदिरों में सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजाया गया है। प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की व्यवस्था भी की गई है। राजधानी के लक्ष्मी नारायण मंदिर, ईस्ट आफ कैलाश, पंजाबी बाग, रोहिणी, द्वारका स्थित इस्कान मंदिर, बद्री भगत झण्डेवाला मंदिर, छतरपुर मंदिर, प्रीत विहार का गुफा वाला मंदिर, आसफ अली रोड स्थित श्रीराम हनुमान वाटिका आदि मंदिरों में श्रद्धालुओं के आगमन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। रात के समय 108 कलशों से भगवान श्रीकृष्ण का महाभिषेक किया जाएगा और 108 आरती उतारी जाएगी। इसके अलावा धार्मिक कार्यक्रमों की एक शृंखला का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें श्री कृष्ण लीला, श्रीमद्भागवत कथा, कीर्तन, और प्रवचन शामिल हैं। झांकियों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का चित्रण किया जाएगा और श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण की व्यवस्था की जाएगी।
भक्ति और संगीत को होगा संगम
धार्मिक संस्थाओं ने भी जन्माष्टमी के पर्व को भव्य बनाने के लिए कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इन आयोजनों में विख्यात गायकों और कलाकारों की प्रस्तुतियां शामिल हैं। द्वारका, पंजाबी बाग आदि स्थानों पर धार्मिक महोत्सवों का आयोजन किया गया है, जहां भक्ति और संगीत का संगम होगा। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण की महिमा से अवगत कराना और उत्सव की खुशियों को साझा करना है।
सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान
मंदिरों की सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान रखा गया है। प्रत्येक बड़े मंदिर में सौ से अधिक सेवादार तैनात किए गए हैं, जो श्रद्धालुओं की निगरानी करेंगे और व्यवस्था में कोई गड़बड़ी न होने देने का प्रयास करेंगे। वहीं पुलिस ने भी मंदिरों की सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले पुलिस की गहन जांच-पड़ताल से गुजरना पड़ेगा। मंदिरों के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो सुरक्षा की निगरानी में मदद करेंगे। इसके साथ ही पुलिस बल भी मंदिरों के आसपास गश्त करेगा और किसी भी असामान्य गतिविधि पर नजर रखेगा।