नोयडा 21 दिसम्बर।उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि नीति निर्माताओं और फॉर्मा कंपनियों को ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रम, जीवनरक्षक दवाएं और निवारक टीकों के विकास पर भी ध्यान देना चाहिए।
श्री नायडू ने आज यहां भारतीय फॉर्मास्यूटिकल कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि बाजार में जेनेरिक दवाओं को तेजी से लाने पर मुख्य ध्यान देना चाहिए।उन्होने प्रसन्नता व्यक्त की कि फार्मा क्षेत्र अन्य क्षेत्रों के मुकाबले तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि फॉर्मास्युटिकल उद्योग को भारत को जेनेरिक औषधियों की अंतर्राष्ट्रीय राजधानी बनाने के प्रयास करने चाहिए।
उन्होने कहा कि युवा शोधकर्ताओं को भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के मानकीकरण की दिशा में कार्य करना चाहिए और उन्हें वैश्विक प्रायोगिक समझौतों के आधार पर परंपरागत औषधियों के प्रभाव, वैधता और क्षमता स्थापित करनी चाहिए।सम्मेलन में देशभर के पांच हजार से ज्यादा प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।