रायपुर 11जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सीबीआई को जांच की दी गई सहमति रमन सरकार ने वापस लेने के लिए 2012 में पत्र लिखा था,अब जब उन्होने विधिवत पत्र लिखा है तो भाजपा वाले हाय तौबा मचा रहे है।
श्री बघेल ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह जिस प्रतिबन्ध पर वह हाय तौबा मचा रहे है,उसका पत्र उनकी सरकार ने ही 2012 में केन्द्र को भेजा था,लेकिन केन्द्र द्वारा इसे संज्ञान में लेकर वहां पूर्ववर्ती सहमति पर संशोधन की अधिसूचना जारी नही की गई।हालांकि इस पत्र को भेजने के बाद राज्य सरकार ने अपनी ओर से अधिसूचना जारी कर दी थी।उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने तो रमन सरकार के द्वारा 2012 में भेजे उसी पत्र को विधिवत रूप से केन्द्र को भेजा है।
उन्होने कहा कि संघीय ढांचे में यह व्यवस्था हैं कि किसी राज्य में जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक है,एवं संविधान के अनुसार बाध्यकारी भी है।उन्होने कहा कि सीबीआई के आने पर प्रतिबन्ध नही लगाया गया है,लेकिन उसे जांच से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी।उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के किसी प्रकरण के सीबीआई जांच के आदेश का पालन तो वैसे ही बाध्यकारी है।
श्री बघेल ने चुनावी घोषणा पत्र को पूरा करने में वित्तीय समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कहीं कोई समस्या नही है।सभी वादे पूरा करेंगे।उन्होने कहा कि आय के नए श्रोत ढूढेगे,राज्य सरकार के खर्च मे कमी करेंगे और नए संसाधन विकसित करने की कोशिश करेंगे।उन्होने कहा कि कैग की कल पेश रिपोर्ट का सरकार अध्ययन करेंगी और जहां भी गड़बड़ी सामने आई है उस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।