रायपुर 26 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज किसानों की लगभग 15 वर्षों से लम्बित सिंचाई कर की 207 करोड़ रूपए की बकाया राशि भी माफ करने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे लगभग 15 लाख किसानों को राहत मिलेगी।
श्री बघेल ने राजधानी के पुलिस परेड ग्राउण्ड में आयोजित मुख्य समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि संविधान की रोशनी में गणतंत्र की मजबूती के लगातार प्रयासों से हम छत्तीसगढ़ को ऐसा यशस्वी राज्य बनाने में सफल होंगे, जहां हर व्यक्ति का स्वावलम्बन राज्य की शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य में ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा दिया गया है।
उन्होने लगभग एक माह पुरानी अपनी सरकार के कामकाज का उल्लेख करते हुए कहा कि किसानों को कर्ज के कुचक्र से मुक्ति दिलाए बिना उनकी और गांवों की स्थिति सुधारी नहीं जा सकती। इसलिए हमने मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में 16 लाख 65 हजार किसानों का लगभग 6 हजार 230 करोड़ रूपए का अल्पकालिक कृषि ऋण माफ कर दिया। मुझे खुशी है कि हमारे इस फैसले का न सिर्फ किसान परिवारों ने बल्कि प्रदेश के सभी वर्गों ने समर्थन किया है।उन्होने कहा कि रबी फसल लेने वाले किसानों को कोई तकलीफ न हो इसलिए हमने रबी फसलों के लिए बंद पड़ी सिंचाई सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पुनः प्रारंभ करने का निर्णय भी लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ को धान के कटोरे के रूप में सम्मान दिलाने वाले अन्नदाताओं का यह हक है कि उन्हें धान का सम्मानजनक दाम मिले। हमने मंत्रि-परिषद् की पहली बैठक में प्रदेश के किसानों से 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा पूरा किया।केन्द्रीय पूल में चावल खरीदी की मात्रा बढ़ाने का निवेदन भारत सरकार से किया गया है,लेकिन हमारी मांग नामंजूर होने की स्थिति में भी राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियां निभाएगी।
उन्होने तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 2500 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर चार हजार रूपए करने के निर्णय का उल्लेख करते हुए कहा कि पांचवीं अनुसूची वाले क्षेत्रों में सरगुजा तथा बस्तर संभाग के जिलों की तरह कोरबा जिले में भी जिला कैडर में भर्ती की सुविधा देने का निर्णय लिया है। साथ ही इन सभी जिलों में भर्ती की अवधि दो वर्ष बढ़ा दी गई है।
श्री बघेल ने झीरम घाटी की दुःखदायी घटना से पीड़ित परिवारों को शीघ्र न्याय दिलाने एस.आई.टी. जांच तथा नान घोटाले की जांच के लिए भी एसआईटी के गठन का भी जिक्र किया।उन्होने कहा कि पत्रकारों के सिए सुरक्षा कानून बनाने की तैयारी की जा रही है और जिला खनिज न्यास के अनुटित उपयोग पर भी रोक लगाकर उसकी समीक्षा करने का भी निर्णय लिया गया है।
उन्होने कहा कि शराब बंदी को लेकर हमारी सरकार बहुत सावधानी और सजगता से आगे बढ़ रही है।दो नई समितियाँ गठित करने की घोषणा की गई है। इनमें से एक सर्वदलीय राजनीतिक समिति होगी और दूसरी समिति समाज के विभिन्न वर्गों से होगी। राजनीतिक समिति उन राज्यों में अध्ययन करेगी, जहां शराब बंदी की गई थी, लेकिन सफल नहीं हुई। यह समिति विफलताओं के कारणों का अध्ययन करेगी। सामाजिक समिति शराब बंदी में सामाजिक चेतना जागृत करने के तरीके सुझाएगी। शराब-सेवन की बुराइयों के बारे में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।