नई दिल्ली 05 फरवरी।उच्चतम न्यायालय ने आज कोलकाता के पुलिस आयुक्त की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उन्हे सीबीआई के समक्ष पूछताछ के लिए मेघालय की राजधानी शिलांग में पेश होने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई खी अध्यक्षता वाली पीठ ने आज सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस के बीच हुए विवाद पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को तय की है।
सीबीआई की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने अदालत में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार कर रहे थे। इसने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और मामले की सही तरीके से जांच नहीं की। उन्होनें कहा कि बंगाल में संवैधानिक संस्थानों की हालत खराब है।उन्होने कहा कि जांच भटकाने के लिए एसआईटी ने सीबीआई को गलत कॉल्स डेटा मुहैया कराया था।
पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई कोलकाता पुलिस आयुक्त को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीबीआई अफसरों को परेशान कर रही है। उन्होनें आरोप लगाया कि सीबीआई ने अपना नंबर बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है।उन्होंने कहा कि इतनी जल्दी क्या है? पांच साल तक कोई एफआईआर नहीं हुई, राजीव कुमार के खिलाफ सबूत नष्ट करने का मामला नहीं दर्ज किया गया।
अदालत ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, कोलकाता पुलिस आयुक्त को सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर अवमानना याचिकाओं पर जवाब दायर करने को कहा है।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India