
श्रीनगर, 14 अगस्त।जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में गुरुवार को बादल फटने की भयावह घटना सामने आई, जिसमें अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। यह हादसा मचैल माता मंदिर की यात्रा के मार्ग पर दोपहर 12 से 1 बजे के बीच हुआ, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा के लिए एकत्रित थे।
बादल फटने के बाद क्षेत्र में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे भारी तबाही हुई है। मंदिर तक की 8.5 किलोमीटर की पदयात्रा चशोती से शुरू होती है, जो किश्तवाड़ मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से 9,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
प्रशासन ने शुरू किया राहत अभियान
प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की दो टीमें उधमपुर से घटनास्थल के लिए रवाना की गई हैं। राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), पुलिस और सेना के जवान भी बचाव कार्य में जुटे हैं। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा और एसएसपी नरेश सिंह मौके पर पहुंचकर अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
नियंत्रण कक्ष और सहायता डेस्क स्थापित
प्रशासन ने पद्दार में एक नियंत्रण कक्ष और सहायता डेस्क स्थापित किया है, जो चशोती से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित है। नागरिक इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
हेल्पलाइन नंबर:
- 9858223125
- 6006701934
- 9797504078
- 8492886895
- 8493801381
- 7006463710
- जिला नियंत्रण कक्ष: 01995-259555 / 9484217492
- पुलिस नियंत्रण कक्ष, किश्तवाड़: 9906154100
प्रभावितों के लिए संवेदनाएं और केंद्र से संवाद
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घटना की जानकारी दी और कहा कि सटीक जानकारी मिलने में समय लग रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बचाव कार्यों के लिए सभी संसाधन जुटाए जा रहे हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। सभी एजेंसियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।”
तीर्थ यात्रा स्थगित
इस हादसे के बाद मचैल माता मंदिर की वार्षिक यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, प्रभावित क्षेत्र में लंगर सहित कई अस्थायी ढांचों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
स्थिति अब भी गंभीर
विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि नुकसान का वास्तविक आकलन होना अभी बाकी है, लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुए भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते राहत कार्यों में भी चुनौतियाँ आ रही हैं।