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जीएसटी स्लैब सरलीकरण से व्यापार-उद्योग और आमजन को बड़ी राहत : मुख्यमंत्री साय

रायपुर, 12 सितम्बर।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आयकर में छूट के बाद अब जीएसटी के स्लैब का सरलीकरण और दरों में अभूतपूर्व सुधार आमजन के जीवन को सुखद बनाने के साथ ही व्यापार-उद्योग को नई गति देंगे।नवरात्रि के पावन पर्व से लागू होने वाले ये नए प्रावधान देश को आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बनाएंगे।

मुख्यमंत्री ने आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि कांग्रेस शासनकाल में 17 तरह के टैक्स और 13 प्रकार के सेस लागू थे। 1 जुलाई 2017 को 101वें संविधान संशोधन के बाद जीएसटी लागू हुआ। अब इसमें बड़े सुधार करते हुए चार स्लैब की जगह दो स्लैब रखे गए हैं। उपयोगी वस्तुओं को करमुक्त किया गया है और कई उत्पादों पर टैक्स दर 10 प्रतिशत तक घटाई गई है।

रोजमर्रा की वस्तुएं होंगी सस्ती

श्री साय ने कहा कि इस सुधार से 90 प्रतिशत सामान सस्ते हो गए हैं। तेल, शैम्पू, टूथपेस्ट, मक्खन, पनीर, सिलाई मशीन, ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, जीवन व स्वास्थ्य बीमा, शैक्षणिक सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक व ऑटोमोबाइल उत्पाद सभी किफायती होंगे। वस्त्र उद्योग को भी विशेष लाभ मिलेगा। अनुमान है कि प्रत्येक परिवार को सालाना न्यूनतम 50 हजार रुपये की बचत होगी।

किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, रोटावेटर सहित कृषि उपकरणों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे एक ट्रैक्टर की खरीद पर किसानों को 25 से 63 हजार रुपये तक की बचत होगी। पूरे देश में लगभग 9 लाख ट्रैक्टर बिकते हैं, जिससे किसानों को करीब 6 हजार करोड़ की सीधी राहत मिलेगी। केवल छत्तीसगढ़ में हर साल 30-35 हजार ट्रैक्टर बिकते हैं, जिससे राज्य के किसानों को करीब 200 करोड़ रुपये की बचत होगी।

स्वास्थ्य और बीमा क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा उत्पादों को पूरी तरह करमुक्त करना ऐतिहासिक निर्णय है। इससे सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी और आमजन को सस्ता इलाज उपलब्ध हो सकेगा।

जनजातीय अंचल और वनोपज संग्राहकों को राहत

तेंदूपत्ता व लघु वनोपज प्रोसेसिंग मशीनों पर जीएसटी कम करने से बस्तर और सरगुजा के संग्राहकों को बड़ा लाभ मिलेगा। वहीं कोयले पर सेस हटाने का फैसला भी राज्य के लिए अहम साबित होगा।

श्री साय ने कहा कि आर्थिक सुधारों और बेहतर प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार से 6200 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली है।