नई दिल्ली 15 जुलाई।लोकसभा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी संशोधन विधेयक पारित हो गया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने आज इस विधेयक पर बहस के दौरान कहा कि एन०आई०ए० आतंकी घटनाओं की जांच के समय आरोपी व्यक्तियों की धार्मिक पहचान को नहीं देखता। उन्होंने कहा कि विधेयक का उद्देश्य आतंकवाद समाप्त करना है न कि किसी को निशाना बनाना है।
गृहमंत्री ने उन आरोपों का खण्डन किया कि आतंकवाद निवारण अधिनियम (पोटा) की तरह इस कानून का भी दुरूपयोग होगा।उन्होने कहा कि..मोदी सरकार की इस कानून को मिसयूज करने की न कोई इच्छा है, न मंशा है, न हम कभी होने देंगे। यह कानून का शुद्ध रूप से उपयोग है आतंकवाद को खत्म करने का है। जो कोई भी इसके दायरे में आएगा उसको नसीहत करने का काम यह कानून करेगा..।
गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने इससे पहले लोकसभा में एन०आई०ए० संशोधन विधेयक पेश किया।विधेयक पेश करते समय उन्होंने आशा व्यक्त की कि जांच एजेंसी, विदेशों में भारतीय दूतावासों और परिसम्पत्तियों के खिलाफ आतंकी हमलों की जांच कर सकेगी। एन०आई०ए० नशीले पदार्थ, हथियार, महिलाओं की तस्करी और साइबर आतंकवाद के मामलों की भी छानबीन कर सकेगा।
कांग्रेस के मनीष तिवारी ने बहस में भाग लेते हुए चेतावनी दी कि एन०आई०ए० को अतिरिक्त अधिकार देने से देश पुलिस राज्य में बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक बदले की भावना से एजेंसी के दुरूपयोग की संभावना बढ़ जाएगी।