नई दिल्ली 25 जुलाई।बाल यौन अपराध संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 राज्यसभा में पारित हो गया है।इस विधेयक में बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए सज़ा में वृद्धि और मौत की सज़ा का प्रावधान है।
इसमें बच्चों की अश्लील फिल्म बनाने वालों को पांच वर्ष की कारावास और जुर्माना होगा। यह अपराध बाद में भी दोहराने पर सात साल की सजा का प्रावधान है। विधेयक में बच्चों के अश्लील चित्रण में ऐसी सभी गतिविधियों को शामिल किया गया है जो किसी बच्चे के फोटोग्राफ, वीडियो, डिजिटल या कम्प्यूटर से तैयार किये गये चित्रों के माध्यम से यौन व्यवहार दिखाता हो। 16 साल से कम आयु के बच्चों के साथ यौन अपराध करने वालों को 20 साल कैद की सजा दी जा सकेगी, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकेगा। गंभीर यौन शोषण के मामले में न्यूनतम सजा दस साल से बढ़ाकर 20 साल कर दी गई है और अधिकतम मौत की सजा हो सकती है।
महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि पाक्सो अधिनियम के तहत यौन प्रताड़ना के लम्बित मामलों के तेजी से निपटारे के लिए सरकार ने 1023 त्वरित अदालतों के गठन को मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि 18 राज्यों ने इन अदालतों के गठन की सहमति दे दी है और इन्हें दो वर्षों में गठित कर दिया जाएगा।
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