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संसद ने धारा 370 समाप्त करने के संकल्प को दी मंजूरी

नई दिल्ली 06 अगस्त।संसद ने संविधान के अनुच्‍छेद 370 के तहत जम्‍मू कश्‍मीर को दिए गए विशेष दर्जे को समाप्‍त करने के संकल्‍प को मंजूरी दे दी है।

लोकसभा में आज 72 के मुकाबले 351 सदस्‍यों के समर्थन से ये प्रस्‍ताव पारित हो गया। राज्‍यसभा ने इसे कल ही पास कर दिया था।अनुच्‍छेद 370 के तहत जम्‍मू कश्‍मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था।लोकसभा ने इसके साथ ही जम्‍मू कश्‍मीर पुनर्गठन विधेयक भी 70 के मुकाबले 367 वोटों से पारित कर दिया।

गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में हुई बहस का उत्‍तर देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करना जरूरी हो गया था क्योंकि यह कश्मीर को भारत की मुख्यधारा से जोड़ने में एक बाधा बना हुआ था।उन्होने कहा कि धारा 370 भारत को कश्‍मीर से नहीं जोड़ती है, बल्कि यह भारत और कश्‍मीर को जोड़ने से रोकती है तो आज रूकावट हमेशा के लिए दूर हो गई।

उन्होंने दोहराया कि पाकिस्‍तान के अवैध कब्‍जे वाला कश्मीर हमेशा ही भारत का ही अंग रहेगा।उन्‍होंने कहा कि यह अनुच्‍छेद ही घाटी में आतंकवाद का मूल कारण है। गृहमंत्री ने राज्‍य में भ्रष्‍टाचार और विकास के अभाव के लिए इसी अनुच्‍छेद को जिम्‍मेदार ठहराया।उन्‍होंने इस अनुच्‍छेद को महिला विरोधी, दलित विरोधी और अन्‍य पिछड़ा वर्ग विरोधी बताया।

श्री शाह ने इस अनुच्‍छेद से केवल तीन परिवारों को ही लाभ हुआ है और जो लोग इसको हटाने का विरोध कर रहे हैं वे केवल अपने हितों की रक्षा के लिए कर रहे हैं न कि घाटी के लोगों की रक्षा के लिए।अनुच्‍छेद की खामियां गिनाते हुए गृहमंत्री ने कहा कि देश के अन्‍य राज्‍यों में लागू नौ संविधान संशोधन और 106 कानून जम्‍मू कश्‍मीर में लागू नहीं किये जा सके जिसका राज्‍य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।इनमें शिक्षा का अधिकार, बाल-विवाह निषेध अधिनियम और राजनीतिक संरक्षण शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इस अनुच्‍छेद की बदौलत लोकतंत्र का गला घोंटा गया।

उन्होने कहा कि यह प्रस्‍ताव लाकर एनडीए सरकार ऐतिहासिक भूल नहीं कर रही बल्कि ऐतिहासिक भूल को सुधार रही है। वे इस बारे में ए.आई.एम.आई.एम. के असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में विकास देखने के बाद घाटी के लोगों को समझ में आएगा कि धारा 370 के कारण वे विकास में कितना पीछे रह गये।