नई दिल्ली 10 अगस्त।कांग्रेस कार्यसमिति की सुबह से चल रही कवायद पर श्रीमती सोनिया गांधी के पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के साथ ही विराम लग गया।
लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पद से इस्तीफा देने तथा उनके द्वारा अगला अध्यक्ष गांधी परिवार के नही होने के बयान के बाद से पार्टी के नए अध्यक्ष को खोजने की कवायद चल रही थी पर गांधी परिवार के बाहर के किसी नाम पर सहमति नही बन पा रही थी।अध्यक्ष पद रिक्त होने से जहां पार्टी में निराशा बढ़ रही थी,वहीं इसके साथ ही महाराष्ट्र,झारखण्ड जैसे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी रणनीति नही बन पा रही थी।लिहाजा आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई जिसमें नए अध्यक्ष का फैसला होना था।
सुबह बैठक शुरू होते ही फिर राहुल गांधी से अध्यक्ष पद पर बने रहने का फिर अनुरोध किया गया।पर वह इसके लिए राजी नही हुए।इसके बाद कार्यसमिति के पांच अलग अलग ग्रुप बनाकर किसी नाम पर सहमति बनाने की कवायद शुरू हुई,लेकिन सभी ग्रुपों में राहुल गांधी के अध्यक्ष नही बनने पर सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव सामने आया।इस कवायद से सोनिया एवं राहुल दोनो ही दूर थे।शाम के जब फिर बैठक शुरू हुई सोनिया एवं राहुल दोनो से इसमें शामिल होने का अनुरोध किया गया।
बैठक में सोनिया गांधी पहले पहुंची और काफी देर बाद राहुल पहुंचे।उन्हे ग्रुपों के प्रस्ताव की जानकारी दी गई।सभी ने सोनिया गांधी से पार्टी के व्यापक हित में अध्यक्ष पद संभालने का अनुरोध किया जिसे उन्होने स्वीकार कर लिया है।समिति के सदस्य हरीश रावत एवं गुलामनवी आजाद ने श्रीमती गांधी के अध्यक्ष पद संभालने की पुष्टि करते हुए कहा कि नए पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुनाव तक वह अध्यक्ष के पद पर रहेंगी।