रायपुर 25 अगस्त।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा हैं कि संत और गुरूजन पूरे समाज को सहीं राह दिखाने का कार्य करते हैं, उनके विचारों और सीख को जो अपने जीवन में उतार ले, उसका जीवन पूरी तरह सफल हो जाता है।
सुश्री उईके ने जन्माष्टमी के मौके पर श्री शदाणी दरबार द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि शदाणी दरबार सिंध समाज के अनुयायिओं का आस्था का केन्द्र है, जिसमें पूरे देश और पाकिस्तान से भी हिंदू तीर्थयात्री इस पवित्र भूमि में आते रहते हैं।विभाजन के पश्चात सिंध समुदाय की बड़ी आबादी को विस्थापित होना पड़ा। उन्होंने बड़ा संघर्ष किया। यह खुशी की बात है कि सिंध समाज इस संघर्ष में भी न तो वे विचलित हुए, न ही टूटे जबकि अपने मूल्यों को उन्होंने सदा अक्षुण्ण रखा।उन्होंने अपनी उद्यमशीलता और उद्देश्यों के प्रति दृढ़ निष्ठा ने सफलता की ऊंचाइयां प्राप्त की।भगवान श्री कृष्ण ने गीता में निरंतर कर्म का संदेश दिया था, सिंध समाज इस सूत्र के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि दानशीलता की प्रवृत्ति भी सिंधी समुदाय की पहचान है। वे गरीबों के लिए लंगर खोल देना, प्यासों को पानी पिलाना, दीनदुखियों की मदद करना इत्यादि कार्य हमेशा करते रहते हैं। यह पुण्य का काम है। भगवान कृष्ण की भी यही सीख थी।
राज्यपाल ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन ही दर्शन है। कहा जाता है कि उनके स्मरण मात्र से कई तकलीफों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान श्री कृष्ण ने भगवद्गीता के माध्यम से जीवन के उद्देश्य और जीवन जीने का तरीका बताया था। गीता ऐसा ग्रंथ है, जिसमें जीवन के हर मोड़ में आने वाले चुनौतियों और समस्याओं का समाधान मिलता है। श्रीकृष्ण गीता के माध्यम से सदैव निष्काम भाव से कर्म करने और उस पर विश्वास करने की प्रेरणा देते हैं।
कार्यक्रम को संत श्री युधिष्ठिर लाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सांसद श्री सुनील सोनी, पूर्व विधायक श्री श्रीचंद सुंदरानी, श्री ललित जय सिंघानी, श्री सचिन मेघानी सहित समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।