रायपुर 14 नवम्बर।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा है कि बच्चों को ऐसा वातावरण मिले कि उनका बचपन सुरक्षित रहे और उन्हें अपनी प्रतिभाओं को निखारने का उचित अवसर मिले।
सुश्री उइके ने यह विचार आज यहां राजभवन के दरबार हॉल में बाल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त की। राज्यपाल ने शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधित विद्यालय के बच्चों द्वारा प्रस्तुत गीत-संगीत की सराहना करते हुए बच्चों के प्रोत्साहन हेतु विद्यालय को स्वेच्छा अनुदान से 01 लाख रूपए देने की घोषणा की।
उन्होने कहा कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू बच्चों को विशेष स्नेह करते थे और बच्चे भी उन्हें चाहते थे तथा प्यार से उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। इसलिए पण्डित नेहरू के जन्म दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि जीवन का सबसे महत्वूपूर्ण समय बचपन होता है। बचपन में सीखी हुई अच्छी बातें जीवन पर्यन्त काम आते हैं। राज्यपाल ने कहा कि कुपोषण की समस्या को एक चुनौती मानते हुए निजी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों को भी अपनी सहभागिता निभानी चाहिए।
पुलिस महानिदेशक डी.एम.अवस्थी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि राजभवन में बाल दिवस पर आयोजित इस अद्भूत कार्यक्रम में मुझे शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदया को तब से जानता हूं जब मैं वर्ष 1991 से 1993 के मध्य छिंदवाड़ा जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर था। मैंने उस समय महसूस किया था कि वे बड़ी संवेदनशील हैं। उन्होंने दिव्यांग बच्चों की प्रस्तुती की सराहना करते हुए कहा कि इन बच्चों के गीत के साथ-साथ संगीत से तालमेल भी अनोखा था। श्री अवस्थी ने कहा कि इन बच्चों को पुलिस अधिकारियों की बैठक में आमंत्रित करेंगे और उनकी प्रतिभा एवं संवेदनाओं से वाकिफ हो सकेंगे।
राज्यपाल सुश्री उइके ने इस अवसर पर शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधित विद्यालय रायपुर के बच्चों को प्रमाण-पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।