नई दिल्ली 05 मार्च।उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले से उत्पन्न इस कानूनी मुद्दे पर विचार करेगा कि क्या किसी एक मामले में मृत्युदंड पाये कई दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जा सकती है।
शीर्ष न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच फरवरी के उस आदेश को चुनौती दी गयी है, जिसमें कहा गया था कि निर्भया मामले के सभी चार दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी।
केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए सोलीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि इन दोषियों ने न्याय प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए अपनी सज़ा को टालने का हर उपाय किया है।न्यायमूर्ति आर. भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की पीठ ने याचिका की अगली सुनवाई 23 मार्च तय की है।
इससे पहले, दिल्ली की एक सत्र अदालत ने चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दिये जाने का नया वारंट जारी किया है।
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