पुरी 05 जून।भगवान जगन्नाथ की सुप्रसिद्ध स्नान यात्रा आज यहां शुरू हुई।
स्नान यात्रा का आयोजन हिंदू पंचांग के ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को किया जाता है। इसमें भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा के विग्रहों को मंदिर के स्नान मंडप पर लाया जाता है। इसके बाद इन विग्रहों को 108 पात्रों में परम्परा के अनुसार शुद्ध जल में स्नान कराने के बाद श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए रखा जाता है।
शाम के समय स्नान कार्यक्रम के सम्पन्न होने पर भगवान जगन्नाथ और बलभद्र को भगवान गणेश का गजवेश पहनाया जाता है। परम्परा के अनुसार यह माना जाता है कि स्नान यात्रा के बाद भगवान अस्वस्थ हो जाते हैं और उन्हें स्वास्थ्य लाभ के लिए राज वैद्य की देखरेख में एकांत में रखा जाता है।इस दौरान श्रद्धालु उनके दर्शन नहीं कर सकते और उनके तीन पटचित्रों को दर्शन के लिए रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि आयुर्वेदिक उपचार के बाद भगवान एक पखवाड़े में स्वस्थ हो जाते हैं। इस वर्ष कोरोना आपदा की वजह से यह समारोह बिना श्रद्धालुओं की उपस्थिति के मनाया जा रहk है।