नई दिल्ली 12 जून।उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया है कि उन निजी कम्पनियों पर जुलाई के अंतिम सप्ताह तक बलपूर्वक कार्रवाई नही की जाए, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को पूरे वेतन का भुगतान नहीं किया है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एम आर शाह की पीठ ने कहा कि उदयोगों और कर्मचारियों दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है, इसलिए दोनों पक्षों को मिलजुल कर इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए। पीठ ने राज्य सरकारों से कहा कि वे समाधान की इस प्रक्रिया में सहयोग करें और इस बारे में संबंधित श्रम आयुक्तों को अपनी रिपोर्ट दें।
न्यायालय ने केन्द्र से भी कहा है कि वह गृह मंत्रालय के 29 मार्च के सर्कुलर की वैधता के बारे में चार सप्ताह के अन्दर अतिरिक्त शपथ पत्र दाखिल करें। इस सर्कुलर में कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरे वेतन का भुगतान करना अनिवार्य है।न्यायालय, इस सर्कुलर के विरोध में विभिन्न कम्पनियों की याचिकाओं पर अब जुलाई के अंतिम सप्ताह में सुनवाई करेगा।