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प्रतिस्पर्धा, पूंजी, भागीदारी के लिए कोयला और खनन क्षेत्र को खोलने का फैसला- मोदी

नई दिल्ली 18 जून।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश ने प्रतिस्पर्धा, पूंजी, भागीदारीऔर प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए कोयला और खनन क्षेत्र को पूरी तरह खोलने का बड़ा फैसला लिया है।

श्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 41 कोयला खदानों में वाणिज्यिक खनन नीलामी की शुरूआत के अवसर पर कहा कि भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार न केवल वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी की शुरूआत कर रही है,बल्कि कोयला क्षेत्र के लिए दशकों का लॉकडाउन भी खत्म कर रही है।

उन्होने कहा कि निजी क्षेत्र को कोयले के लिए वाणिज्यिक खनन की अनुमति देकर दुनिया के चौथे सबसे बड़े कोयला भंडार वाले देश के संसाधनों को नियंत्रण मुक्त किया जा रहा है।उन्होनेकहा कि यह विडम्बना है कि भारत कोयला भंडार की दृष्टि से दुनिया का चौथा और उत्पादन की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश होने के बावजूद कोयले का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश बना हुआ है।यह स्थिति दशकों से बनी हुई है और यह क्षेत्र प्रतिस्पर्धा से बाहर है तथा पारदर्शिता भी बड़ी समस्या रही है।

श्री मोदी ने कहा कि देश में 16 ऐसे जिले हैं, जहां कोयले के विशाल भंडार हैं,लेकिन स्थानीय लोगों को इनसे पर्याप्‍त फायदा नहीं हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि कोयला क्षेत्र में सुधार और निवेश से गरीबों और जनजातीय लोगों का जीवन सुगम बनाने में बड़ी भूमिका होगी।वाणिज्यिक कोयला खंड की नीलामी से उद्योगों को भी लाभ होगा।उन्होंने कहा कि इससे नये संसाधन खुलेंगे और राज्यों को अधिक राजस्व प्राप्त होगा तथा रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।