Thursday , November 14 2024
Home / MainSlide / भूपेश सरकार ने विधानसभा चुनाव में जनता से किए वादों से किया किनारा -रमन

भूपेश सरकार ने विधानसभा चुनाव में जनता से किए वादों से किया किनारा -रमन

रायपुर 15 दिसम्बर।भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने राज्य की भूपेश सरकार पर चुनावी घोषणा पत्र में किए वादों को दरकिनार किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा हैं कि हर वर्ग इस सरकार के दो साल के कार्यकाल में ठगा महसूस कर रहा है।

डा.सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि सरकार बड़े जोश खगोश से दो वर्ष पूरा होने का जश्न मना रही है,लेकिन जिनके लिए जश्न मनाया जा रहा है,वह किसान,मजदूर,युवा,व्यापारी एवं महिलाओं समेत सभी वर्ग इस दौरान अपने को ठगा महसूस कर रहा है।उन्होने कहा कि कांग्रेस ने पिछले चुनावों में भारी भरकम अपने घोषणा पत्र हर वर्ग के लिए खूब लोक लुभावन वादे किए थे,लेकिन दो वर्ष में इनमें से एक भी पूरा नही किया।

उन्होने कहा कि अब तक घोषणा पत्र की सभी घोषणाएं झूठी साबित हुई है।धान खरीद को लेकर बड़ी बड़ी बाते की गई थी,लेकिन पिछले खरीद सीजन में खरीदे गए धान का पूरा भुगतान एक वर्ष बाद भी किसानों को नही मिला है।इस वर्ष खरीदे जा रहे धान का कब पूरा भुगतान मिलेगा,यह कहना संभव नही है।घोषणा पत्र में किसानों से धान खरीद का दो वर्ष का बकाया 1100 करोड़ रूपए बोनस देने की भी बात की गई थी लेकिन इसको भुलवाया जा रहा है।

डा.सिंह ने कहा कि महिलाओं ने कांग्रेस के पूर्ण शराबबंदी के वादे से प्रभावित होकर उन्हे समर्थन दिया था,लेकिन दो वर्ष में शराबबंदी होना तो दूर अब गली गली में शराब बिकने लगी है।उन्होने कहा कि इसके लिए गंगाजल लेकर कसमें खाई गई थी।शराब अवैध कमाई का बड़ा जरिया बन गई है।शराब की सरकारी दुकान में 30 प्रतिशत अवैध रूप से बिके,अलग से इसका हिसाब रखना पड़े।इसका पेमेन्ट दिल्ली या कहां जा रहा है ?

उन्होने  कोयले की रायल्टी 25 रूपए टन अवैध रूप से वसूल किए जाने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि व्यापारी इसकी रसीद मांग रहे है,तो उऩ्हे डराया जा रहा हैं।यह सरकार सभई प्रकार के आऱ्थिक श्रोतो का दोहन करने में लगी है,और दिल्ली के लिए एटीएम मशीन बन गई है।उन्होने कहा कि इससे अधिक शर्मनाक क्या होगा कि सत्तापक्ष के विधायक को गृह मंत्री से सार्वजनिक रूप से कहना पड़े कि थानों में रेट लिस्ट लगा दीजिए।मंत्री कार्यवाई के बजाय विधायक को इसे पार्टी बैठक में उठाने को कहते है।