देहरादून 07 फरवरी।उत्तराखंड के चमोली जिले में राहत और बचाव कार्य जोर-शोर से चलाए जा रहे हैं। इस आपदा के बाद लापता 150 लोगों में से अब तक 12 लोगों को बचा लिया गया है।
आज सुबह चमोली में ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा में अचानक आई भीषण बाढ़ से तपोवन क्षेत्र के रैणी गांव के पास ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है।रैणी, बिराजी, अलकापुरी और छिनका गांवों से सात शव निकाल लिए गए हैं।
हिमस्खलन के कारण आई बाढ से नदी किनारे स्थित घरों को भी नुकसान पहुंचा है। एनटीपीसी के कार्यालय परिसर और आवासीय क्षेत्रों सहित पांच पुलों को नुकसान पहुंचा है। अलकनंदा नदी का जलस्तर स्थिर है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल राज्य आपदा मोचन बल सशस्त्र सीमा बल, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल – आईटीबीपी और रक्षाकर्मी बचाव और राहत अभियानों में सक्रियता से जुटे हैं। वायुसेना ने भी बचाव अभियानों में अपने चॉपर लगाए हैं। बचाव और राहत कार्य के लिए सेना के दो हेलीकॉप्टर भी तैयार हैं।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के प्रवक्ता विवेक पांडेय ने बताया कि दो सौ जवान स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बचाव और राहत कार्यों में मदद कर रहे हैं। तपोवन क्षेत्र में सेना की चार टुकडियां, दो चिकित्सा दल और एक इंजीनियरिंग कार्यबल तैनात किए गए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तपोवन में रैणी गांव के पास जाकर हालात का जायजा लिया। श्री रावत ने कहा कि नदी का जलस्तर कम हुआ है। केंद्र सरकार लगातार उनसे संपर्क में है और राहत कार्यों में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
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