रायपुर 09 मार्च।छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 17 दिन पहले ही आज समाप्त हो गया।इसके साथ की विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।
बजट सत्र 22 फरवरी को शुरू हुआ था,और इसे 26 मार्च तक चलना था।बजट के बाद विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा में कतिपय गतिरोध के चलते मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने अनुदान मांगों पर चर्चा में हिस्सा नही लिया जिसके चलते एक एक दिन में दो तीन विभागों की अनुदान मांगों को मंजूरी मिल गई।सदन में कल ही विभागों की अनुदान मांगो की चर्चा पूरी हो गई थी,आज विनियोग विधेयक की मंजूरी के साथ ही सत्रावसान हो गया।
सत्र में पहली बार आसंदी के प्रति सम्मान की कई बार अनदेखी के मौके भी आए।छत्तीसगढ़ विधानसभा में पूर्व में इस तरह के बहुत कम ही उदाहरण मिलते है।अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने सत्र के समापन के मौके पर सदस्यों से आग्रह भी किया कि संसदीय सदन की सर्वोच्चता के लिए आसंदी के प्रति सम्मान और विश्वास का भाव बना रहना अत्यंत आवश्यक है।व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा,प्रतिष्ठा और द्वेष से सदन को मुक्त रखकर ही हम संसदीय लोकतंत्र की सार्थकता को सिद्द कर सकते है।
डा.महंत ने कहा कि परिस्थितिजन्य कारणों से भले ही इस बजट सत्र में विषम स्थिति निर्मित हुई,परन्तु यह भी सच है कि हमारी संसदीय संस्कारों की जड़े इतनी मजबूत हैं कि हम इन परिस्थितियों से भई आगे निकल कर संसदीय मूल्यों को किन्ही भी परिस्थितियों में भविष्य में प्रभावित नही होने देने का संकल्प लें।उन्होने कोविड की चुनौतियों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि तमाम सावधानियों के बाद भी सत्र के दौरान दो मंत्री टी.एस.सिंहदेव एवं जयसिंह अग्रवाल तथा दो विधायक अरूण वोरा एवं देवब्रत सिंह संक्रमित हुए।उन्होने सत्र के संचालन में सहयोग के लिए सभी को धन्यवाद दिया और चैत्र नवरात्र एवं होली पर्व की अग्रिम बधाई भी दी।