रायपुर, 28 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में स्थापित किए गए गौठानों की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने में जिला खनिज निधि(डीएमएफ फंड) की राशि का उपयोग का निर्देश दिया है।
श्री बघेल ने आज यहां खनिज संसाधन विभाग की बैठक में यह निर्देश देते हुए कहा कि चारागाह के विकास, गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटरों के लिए शेड निर्माण सहित बस्तर अंचल में देवगुड़ी और घोटुल निर्माण के कार्य भी इस मद से किए जाएं। उन्होंने कहा कि गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां शेड बनने से स्व-सहायता समूहों को आर्थिक गतिविधियों के संचालन में आसानी होगी। श्री बघेल ने मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के लिए वाहनों की व्यवस्था करने में भी इस मद का उपयोग किए जाने को कहा।
उन्होने कहा कि प्रदेश में अनुपयोगी खदानों में जहां पानी इकट्ठा है, वहां पंप लगाकर किसानों को सिंचाई की सुविधा दी जाए। गौण खनिज रेत से प्राप्त रायल्टी का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों को जल्द किया जाए। समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2020-21 में राज्य को 5517 करोड़ रूपए का खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्ष 2021-22 में लगभग 7800 करोड़ रूपए के खनिज राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य तय किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में मई 2021 तक की स्थिति में कुल 1217 करोड़ 82 लाख रूपए का खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है।
बैठक में यह भी बताया गया कि वर्ष 2021-22 में 18 खनिज ब्लॉक्स नीलामी हेतु प्रस्तावित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इन खनिज ब्लॉक्स के लिए सभी तैयारियां समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। इन खनिज ब्लॉक्स की नीलामी से छह माह में लगभग 200 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त होगी और इन ब्लॉक्स में खनन प्रारंभ होने से प्रतिवर्ष लगभग 1998 करोड़ रूपए का राजस्व प्रदेश को मिलेगा। इन खनिज ब्लॉक्स में 10 लौह अयस्क के और 8 चूना पत्थर के ब्लॉक्स शामिल है।
श्री बघेल ने प्रदेश में बहुमूल्य खनिजों डायमंड, गोल्ड, सिल्वर, कॉपर, टंगस्टन, बेसमेटल, निकिल, पीजीई मिनरल्स, बाक्साईड और लौह अयस्क के नये खनिज क्षेत्रों का अन्वेषण तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त कम्पनियों के सहयोग से करने के प्रस्ताव को बैठक में सहमति प्रदान की। जिला खनिज संस्थान न्यास की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि डीएमएफ से कार्यो की स्वीकृति और इस मद से व्यय करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ का देश में दूसरा स्थान है। राज्य में डीएमएफ निधि की 68 प्रतिशत राशि का व्यय किया गया है, जो देश में अधिकतम है।