नई दिल्ली 26 जुलाई।पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों पर आज लगातार पांचवें दिन भी संसद के दोनों सदनों में व्यवधान जारी रहा। बार-बार स्थगन के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
चार बार स्थगन के बाद जब तीन बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके सहित विपक्ष के सदस्य इन मुद्दों पर विरोध करते हुए सदन के बीचों बीच आ गए। हंगामे के बीच सदन ने फैक्ट्रिंग विनियमन संशोधन अधिनियम 2021 और राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता तथा प्रबंधन संस्थान विधेयक 2021 चर्चा के बिना ही पारित कर दिए। सुबह के समय भी कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, अकाली दल और अन्य दलों के सदस्यों ने कार्यवाही में बाधा डाली।
राज्यसभा में भी शोर-शराबा और हंगामा हुआ। पांच बार स्थगन के बाद पांच बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही आरजेडी सांसद मनोज झा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह सदन में गतिरोध दूर करने के लिए विपक्ष से संपर्क नहीं कर रही है। सदन के नेता पीयूष गोयल ने यह आरोप खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने सदन का कामकाज सूचारू रूप से चलाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से बात की थी। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने भी यही बात कही। आसन ने शोर-शराबे के बीच नौवहन के लिए समुद्री सहायता विधेयक 2021 पर चर्चा का प्रयास किया गया, लेकिन असफल रहा। शोर-शराबा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, हंगामे के बीच स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध संशोधन विधेयक 2012 को वापस ले लिया गया। सुबह सभापति एम. वेंकैया नायडू ने पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर दिए। उसके बाद कांग्रेस, टीएमसी, वाम दल और अन्य सदस्य नारे लगाते हुए सदन के बीच आ गए। सभापति ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान जारी रहने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके कारण महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी।