रायपुर 05 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिक लाभ देने वाली फसलों को प्रोत्साहित करने पर बल देते हुए राज्य में फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए विकासखण्ड स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर किसानों को इसके लिए जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
श्री बघेल ने आज यहां आयोजित बैठक में राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओ की समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में जमीन की गुणवत्ता के अनुसार अधिक लाभ देने वाली फसलों को प्रोत्साहित किया जाए। इसके साथ ही साथ कृषि विभाग के मैदानी अमले के अधिकारी-कर्मचारी किसानों से सम्पर्क कर उन्हे अधिक लाभ देने वाली फसलें लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्होंने गन्ने और मक्के से एथेनॉल बनाने के लिए एथेनॉल प्लांट की स्थापना के कार्य में तेजी लाने, प्रदेश में राशनकार्ड बनाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। श्री बघेल ने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा और व्यापम की परीक्षाएं 50 प्रतिशत बैठक क्षमता के साथ आयोजित की जाएं।उन्होने कहा कि कोविड की तीसरी लहर से डरने की नहीं सतर्क रहने की आवश्यकता है। कोविड-19 के कारण प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। उन्होंने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया है। बैठक में जल संसाधन विभाग में 400 सब-इंजीनियरों की भर्ती का निर्णय भी लिया गया।
श्री बघेल ने फसल विविधीकरण के संबंध में कहा कि कोदो, कुटकी, अरहर, बस्तर मंे सरसों, जशपुर में बागवानी फसलों तथा मैदानी इलाकों में दूसरी फसल लेने के लिए किसानों को प्रेरित करें। बेमेतरा जिले में गन्ना, बलरामपुर, बस्तर, जांजगीर, महासमुंद और धमतरी जिले में मक्के के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि किसान जो फसल लेते हैं, उनका उन्हें अच्छा मूल्य मिले। श्री बघेल ने बेमेतरा और राजनांदगांव के गंडई क्षेत्र में कोदो की समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। श्री बघेल ने जलवायु और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर चाय और काफी की खेती को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए।
उन्होने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि सभी जिलों में गर्भवती महिलाओं, एनीमिक महिलाओं और शिशुवती महिलाओं तथा बच्चों को गर्म भोजन देना अनिवार्य किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के चलते प्रदेश में कुपोषण की दर 6.4 प्रतिशत कम होकर 31.3 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2015-16 में कुपोषण की दर 37.7 प्रतिशत थी। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत विभिन्न हाट बाजारों में 14 लाख 86 हजार से अधिक लोगों का निःशुल्क उपचार किया गया है। इस योजना की मॉनिटरिंग के लिए वेबपोर्टल तैयार किया गया है।