छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ ने अपना अनिश्चितकालीन आंदोलन स्थगित कर दिया है। चार अप्रैल से वे अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गांव-गांव जाकर मेल-मुलाकात कर समस्याओं का निदान कर रहे हैं।
उसी तर्ज पर हड़ताली मनरेगा कर्मचारियों के मंच पर छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वयं पहुंचकर लंबित मांगों को 90 दिवस के भीतर पूरा करने तथा बर्खास्त 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा तत्काल बहाल करने का खुले मंच से घोषणा की।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा, मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांत अध्यक्ष चंद्रशेखर अग्निवंशी ने बताया है कि आंदोलन के 66वें दिन बर्खास्तगी और सरकार के दबाव से न झुकने वाले प्रदेश मनरेगा कर्मचारियों की संघर्षशीलता तथा एकजुटता के परिणाम स्वरूप उनकी जीत हुई। बूढ़ातालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ सरकार स्वयं उपस्थित हुई। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा शासन के प्रतिनिधि पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर धरना स्थल पर उपस्थित हुए।
आंदोलनकारियों ने व्यक्त किया आभार
उन्होंने 21 बर्खास्त सहायक परियोजना अधिकारियों को तत्काल बहाल करने एवं लंबित मांगों पर 90 दिवस की समय सीमा में निराकरण करने का खुले मंच से शासन के प्रतिनिधि व मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप घोषणा की। इसके फलस्वरूप आंदोलनकारियों ने अपने आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की तथा कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा और उपस्थित अधिकारियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।