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गुलामी की मानसिकता झलकने वाले कानूनों को रद्द करने की पहल शुरू- मोदी

तिरूपति/नई दिल्ली 25 अगस्त।प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने गुलामी के दौर के उन कानूनों को खत्‍म करने की पहल शुरू की है,जिनमें गुलामी की मानसिकता झलकती है।

श्री मोदी ने तिरुपति में राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के दो दिवसीय राष्‍ट्रीय सम्‍मेलनको वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से सम्‍बोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में ऐसे कितने लेबर कानून रहे हैं जो अंग्रेजों के समय से चले आ रहे थे।बीते आठ वर्षों में हमने देश में गुलामी के दौर के क़ानूनों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। देश अब ऐसे लेबर क़ानूनों को बदल रहा है, रीफॉर्म कर रहा है।इसी सोच से 29 लेबर क़ानूनों को 4 सरल लेबर कोड्स में बदला गया है। इससे श्रमिक भाई-बहन न्यूनतम सैलरी, रोजगारकी सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे विषयों पर और सशक्त होंगे।

उन्होने कहा कि भारत के सपनों को पूरा करने और अमृतकाल में देश को विकसित राष्‍ट्र बनाने की आकांक्षाओं को पूरा करने में श्रम शक्ति की बडी भूमिका है।इसी सोच के साथ देश संगठित और असंगठित क्षेत्र के करोड़ों कामगारों के लिए लगातार काम कर रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के बारेमें श्रम शक्ति को लाने के लिए ई-श्रम पोर्टल एक महत्‍वपूर्ण पहल है।देश के हर श्रमिक को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए किस तरह काम हो रहा है,उसका एक उदाहरण ‘ई-श्रम पोर्टल ‘भी है।ये पोर्टल पिछले साल शुरू किया गया था,ताकि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए आधार से जुड़ा नेशनल डेटाबेस बन सके।