Saturday , April 27 2024
Home / MainSlide / सीईएल ने भारत सरकार को 7.26 करोड़ रुपये का लाभांश दिया

सीईएल ने भारत सरकार को 7.26 करोड़ रुपये का लाभांश दिया

नई दिल्ली 09 दिसम्बर। सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल)ने  इतिहास में पहली बार भारत सरकार को 7.26 करोड़ रुपये का लाभांश प्रदान किया।

    केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज सीईएल के कार्यक्रम में कहा कि इतिहास में पहली बार सीईएल भारत सरकार को 7.26 करोड़ रुपये का लाभांश दे रहा है।डॉ.सिंह ने सीईएल के अधिकारियों और कर्मचारियों को पिछले वित्तीय वर्ष में अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए बधाई दी, जिससे सीईएल कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों को 19 करोड़ रुपये के वेतन बकाया को चुकाने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि अपनी सीएसआर गतिविधियों के एक हिस्से के रूप में, क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में सीईएल का योगदान भी नागरिकों और समाज के लिए एक सदाशयतापूर्ण विचार है।

    डॉ.सिंह ने सीईएल के वैज्ञानिकों और अधिकारियों से रेलवे सुरक्षा और सिग्नलिंग सिस्टम, रक्षा अनुप्रयोगों के लिए सामरिक इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर फोटोवोल्टिक और सुरक्षा और निगरानी प्रणाली के चार मुख्य व्यावसायिक कार्यक्षेत्रों को वैश्विक मानकों के लिए मजबूत और उन्नत करने का आह्वान किया।उन्होने कहा कि सीईएल पिछले 25 वर्षों से सौर संयंत्रों को चालू कर रहा है और उसे 1992 में भारत के पहले सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना का गौरव प्राप्त है। उन्होंने आगे कहा कि फिर भी भारत हाल के दिनों में ही सौर दुनिया के लिए अक्षय ऊर्जा विकल्प के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरा है ।

    उन्होने कहा की सीईएल को पिछली सरकारों द्वारा कम करके आंका गया और इसलिए यह अलाभकारी अप्राप्य संगठन बना रहा, लेकिन यह प्रधानमंत्री मोदी थे, जिन्होंने 2014 से उच्च बजटीय आवंटन के माध्यम से और पथप्रदर्शक नीतिगत निर्णय लेकर वैज्ञानिक प्रयासों को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाया है ।

    डॉ. सिंह ने कहा कि सीईएल अब रणनीतिक रक्षा क्षेत्र में मिसाइल और रडार कार्यक्रमों के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित फेज कंट्रोल मॉड्यूल ( पीसीएम ) प्रदान कर रहा है और अब तक विभिन्न स्थानों पर तैनात 80 से अधिक रक्षा रडार सिस्टम के लिए 4.8 लाख पीसीएम की आपूर्ति की जा चुकी है।उन्होने कहा की पीसीएम के लिए सीईएल देश की एकमात्र उत्पादन एजेंसी है और आयात लागत 4 गुना अधिक है, इस प्रकार 2000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होती है।

    उन्होने कहा कि सीईएल अपने सभी व्यावसायिक कार्यक्षेत्रों में अब बहुत अच्छा कर रहा है और सरकारी क्षेत्रों को सुरक्षा, निगरानी और स्मार्ट समाधान प्रदान करने के साथ ही स्मार्ट बोर्ड के निर्माण में भी प्रवेश कर रहा है, जो प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

   डॉ.सिंह ने इसके साथ ही सीईएल द्वारा एमएमजी जिला अस्पताल, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश को दान की गई दो एंबुलेंसों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।