रायपुर 11 फरवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अगले वित्त वर्ष के लिए केन्द्र सरकार के पांचवे बजट को अनेक अर्थों में क्रांतिकारी और लोककल्याणकारी बताया।
डा.सिंह ने आकाशवाणी से आज के अपने मासिक रेडियो प्रसारण में छत्तीसगढ़ सरकार के नये बजट का भी उल्लेख किया और जनता को विश्वास दिलाया कि यह बजट भी गांव, गरीब, किसान, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला, युवा जैसे हर वर्ग के विकास को गति देगा और जनता के सुखद भविष्य के सपने साकार होंगे।
डॉ. सिंह ने कहा-केन्द्र और राज्य मिलकर ’एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का महान सपना पूरा करेंगे और आजादी की 75वीं सालगिरह वर्ष 2022 के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की ओर तेजी से आगे बढ़ेंगे। डॉ.सिंह ने जनता को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय बजट की अनेक विशेषताओं का विस्तार से उल्लेख किया।
डॉ.सिंह ने केन्द्रीय बजट में खेती को लाभदायक बनाने के लिए उत्पादन लागत से डेढ़ गुना दाम दिलाने की पहल को एक ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होंने कहा-केन्द्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) की व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए देश में 470 कृषि उपज मंडियों को इस व्यवस्था से जोड़ा गया है। इसमें हमारे छत्तीसगढ़ का भी योगदान दर्ज हुआ है। छत्तीसगढ़ की 14 मंडियां ई-नाम से जुड़ गई हैं। वर्ष 2018 में देश की सभी 585 मंडियों को इससे जोड़ने का लक्ष्य है। हम छत्तीसगढ़ में भी इस लक्ष्य को समय पर पूरा करेंगे। इस प्रकार देश में प्रचलित बाजार भाव का लाभ हमारे किसानों को भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी है कि छत्तीसगढ़ में हमने जो ’सौर-सुजला योजना’ संचालित की है, वैसी ही योजना किसानों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा भी शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है। इससे हमारे प्रयासों को मान्यता मिली है। डॉ.सिंह ने कहा कि केन्द्र के नये बजट में ’आयुष्मान भारत योजना’ के माध्यम से देश में स्वास्थ्य सुरक्षा का नया इतिहास लिखने की पहल की गई है। इसके अंतर्गत डेढ़ लाख स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा विश्व की सबसे बड़ी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना भी शुरू करने की घोषणा की गई है। मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब परिवारों को 30 हजार रूपए तक वार्षिक कवरेज देती है। नयी योजना में दूसरी और तीसरी देखरेख के लिए अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार पांच लाख रूपए तक वार्षिक कव्हरेज दिया जाएगा। इस प्रकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में दस करोड़ परिवारों या 50 करोड़ लोगों को लाने का लक्ष्य रखा गया है।
डॉ. सिंह ने रेडियो वार्ता में कहा कि सुशासन का मुख्य मापदण्ड यही है कि आम नागरिकों की जिन्दगी सुगम हो और उसमें सरकारी दखल कम से कम हो। डॉ.सिंह ने कारोबार के सरलीकरण (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) में देश के चार अग्रणी राज्यों में छत्तीसगढ़ के शामिल होने का उल्लेख करते हुए कहा कि अब केन्द्र सरकार ’ईज ऑफ लिविंग’ पर जोर दे रही है, ताकि जनसामान्य, विशेष रूप से गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों की जिन्दगी आसान हो सके।
मुख्यमंत्री ने ’रमन के गोठ’ में राज्य में शुरू की गई ’महिला पुलिस स्वयं सेविका योजना (चेतना)’ का जिक्र करते हुए कहा कि प्रथम चरण में यह योजना दुर्ग और कोरिया जिले में शुरू की गई है। दहेज प्रताड़ना सहित महिला उत्पीड़न की विभिन्न घटनाओं की रोकथाम के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में गृह विभाग के सहयोग से इसकी शुरूआत की है। स्वयं सेविकाओं का चयन जिला पुलिस अधीक्षकों द्वारा किया जाएगा। प्रथम चरण में दोनों जिलों में नौ हजार से ज्यादा महिलाओं का चयन उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। चयनित महिलाएं प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय के प्रत्येक वार्ड से कम से कम एक महिला का चयन होगा। चयन की पात्रता के अनुसार शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा और आयु सीमा 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
उन्होने कहा कि चयन के बाद उन्हें मोबाइल फोन और परिवहन व्यय आदि के लिए एक हजार रूपए का मासिक मानदेय दिया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली तीन स्वयं सेविकाओं का जिला स्तर पर चयन कर उन्हें क्रमशः दस हजार, पांच हजार और तीन हजार रूपए के पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
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