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महिला बंदियों के साथ रहने वाले उनके बच्चों को उपलब्ध सुविधाओं में सुधार के निर्देश

बिलासपुर 29 जुलाई।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने बिलासपुर  केन्द्रीय जेल में महिला बंदियों के साथ रहने वाले उनके बच्चों को उपलब्ध सुविधाओं में सुधार तथा जेल में क्षमता से अधिक कैदियों को बन्द होने के मद्देनजर छोटे मामलों में बन्द कैदियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए है।

    न्यायमूर्ति सिन्हा ने आज केन्द्रीय जेल के औचक  निरीक्षण के दौरान यह निर्देश दिया। उन्होंने इस दौरान जेल स्थित पुरूष बंदीगृह तथा महिला बंदीगृह दोनों का निरीक्षण किया। वहां उन्होंने बंदियों से बातचीत करते हुए मूलभूत सुविधाओं व व्यवस्था जैसे कि स्वास्थ्य, इलाज, दवाईयाँ आदि की जानकारी ली। बंदियों से उनको दिये जाने वाले भोजन तथा साफ-सफाई का जानकारी भी प्राप्त की।

     उन्होने महिला बंदीगृह का भी निरीक्षण किया गया।उन्होंने वहां की साफ-सफाई की प्रशंसा की। बच्चों के साथ जेल में रहने वाली महिला बंदियों की एक सूची बनाने के निर्देश दिये।उन्होने बच्चों के साथ जेल में रहने वाली महिला बंदियों से उनके बच्चों हेतु शिक्षा, खेलकूद व स्वास्थ्य संबंधी उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली और उनमें आवश्यक सुधार करने हेतु निर्देशित किया।

          न्यायमूर्ति सिन्हा ने जेल अधीक्षक से जेल की क्षमता तथा बंदियों की संख्या की जानकारी ली. उन्होनें बताया कि केन्द्रीय जेल बिलासपुर की क्षमता 2290 बदियों की है। वर्तमान में जेल में बंदियों की कुल संख्या 3153 है जिसमें से पुरुष बंदियों की संख्या 2946 तथा महिला बंदियों की संख्या 207 है।इस पर उन्होने छोटे अपराधों में बंद विचाराधीन बंदियों की एक सूची त्वरित बनाये जाने हेतु जेल अधीक्षक को निर्देश दिया।

     मुख्य न्यायाधीश का औचक निरीक्षण का लगातार आज तीसरा दिन था।औचक निरीक्षण में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल अरविन्द कुमार वर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बिलासपुर अशोक कुमार साहू, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट सौरभ कुमार, पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह भी साथ थे।